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कुवैत के बैंक ने केरल के नर्सों पर 700 करोड़ का ऋण न चुकाने का लगाया आरोप, प्राथमिकी दर्ज

हमें फॉलो करें कुवैत के बैंक ने केरल के नर्सों पर 700 करोड़ का ऋण न चुकाने का लगाया आरोप, प्राथमिकी दर्ज

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

तिरुवनंतपुरम , मंगलवार, 10 दिसंबर 2024 (19:48 IST)
Kerala nurses accused: कुवैत के एक प्रमुख बैंक ने केरल के 1,400 से अधिक लोगों द्वारा खाड़ी देश में काम करते समय लिए गए करीब 700 करोड़ के ऋण नहीं चुकाने के आरोप में राज्य के विभिन्न थानों में शिकायतें दर्ज कराई है। ऋण लेने वालों में अधिकतर लोग पेशे से नर्स हैं।
 
राज्य में 10 प्राथमिकी दर्ज : ऋण चुकता नहीं करने वाले अधिकतर लोग अब अपने गृहराज्य लौट गए हैं या फिर दूसरे देशों में जा चुके हैं जिसके कारण खाड़ी बैंक केएससीपी (कुवैत शेयरहोल्डिंग कंपनी पब्लिक) ने हाल ही में केरल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। केएससीपी के शिकायत दर्ज कराने के बाद राज्य में 10 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
 
पुलिस सूत्रों ने बताया कि बैंक के उपमहाप्रबंधक मोहम्मद अब्दुल वासी कामरान की शिकायत के आधार पर एर्नाकुलम ग्रामीण में 8, एर्नाकुलम शहर में 1 और कोट्टायम में 1 मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले महीने विभिन्न पुलिस थानों में अधिकतर मामले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 406 और 420, 120-बी, 34 सहित विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किए गए।ALSO READ: Bank Fraud : हरियाणा में एक और कांग्रेस MLA पर गिरी ED की गाज, बेटे समेत अन्य लोगों की 44 करोड़ से ज्‍यादा की संपत्ति जब्त
 
75 लाख से 1 करोड़ रुपए तक का ऋण लिया : राज्य में बैंक को कानूनी सहायता प्रदान करने वाले अधिवक्ता थॉमस जे. अनक्कलुंकल ने कहा कि ऋण चुकता नहीं करने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने संस्था से 75 लाख से 1 करोड़ रुपए तक का ऋण लिया था। उन्होंने बताया कि बैंक को 1,400 से अधिक लोगों ने लगभग 700 करोड़ रुपए का चूना लगाया।
 
उन्होंने कहा कि उनमें से ज्यादातर ने कोरोना काल के दौरान ऋण लिया था और अधिकतर लोग कुवैत के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में पेशे से नर्स थे और अपने वेतन प्रमाण पत्र दिखाकर ऋण ले सकते थे। उन्होंने कहा कि शुरू में वे छोटे ऋण लेते थे और बिना किसी चूक के उन्हें चुकाकर बैंक अधिकारियों का विश्वास अर्जित कर लेते थे। बाद में वे 75 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए तक के बड़े ऋण लेते थे और बिना चूके 2 या 3 बार किस्तें चुकाते थे।ALSO READ: Bank Fraud Case : गौतम थापर पर ईडी ने कसा शिकंजा, कुर्क की 78 करोड़ रुपए की जमीन
 
अनक्कलुंकल ने बताया कि इसके बाद वे छुट्टी पर घर जाने के बहाने देश छोड़ देते थे और फिर कभी कुवैत नहीं लौटते तथा किस्तें भी नहीं चुकाते थे। कुवैत बैंक अधिकारियों ने इस मामले को भारतीय गृह विभाग के समक्ष उठाया है, जो इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहा है।
 
उन्होंने कहा कि पासपोर्ट का विवरण और घर का पता बैंक के पास उपलब्ध होने से हमारे लिए राज्य में आरोपियों का पता लगाना मुश्किल नहीं था और हमने शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने कहा कि केवल कुवैत ही नहीं, बल्कि पश्चिम एशिया के अन्य संस्थानों के साथ भी इसी तरह से धोखाधड़ी की गई होगी और वे भी इसी तरह की शिकायतें दर्ज कराएंगे।ALSO READ: 10 साल में 65 हजार Cyber Fraud, इंदौर में ही Digital Arrest के 27 केस, तैयार होंगे 5 हजार सायबर कमांडो
 
अधिवक्ता ने कुछ बकाएदारों की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि कोविड महामारी फैलने के बाद उत्पन्न हालात में नौकरी छुट जाने की वजह से वे कर्ज नहीं चुका पाए। पुलिस सूत्रों के अनुसार जांच जारी है और कुछ बकाएदारों ने रकम चुकाने की इच्छा जताई है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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