कोयंबटूर। समलैंगिकता के खिलाफ सोमवार को एक पादरी ने यहां जिला अदालत परिसर में जमकर नारेबाजी की। पादरी का दावा था कि समलैंगिक विवाह से प्राकृतिक आपदा आ सकती है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर को एक ऐतिहासिक फैसले में आईपीसी की धारा 377 के प्रावधानों को मनमाना और अतार्किक करार देते हुए दो वयस्कों के बीच आपसी सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था।
पुलियाकुलम गिरिजाघर के फादर फेलिक्स जेबासिंह जिला अदालत परिसर पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने लोगों से समलैंगिक विवाह का समर्थन नहीं करने की अपील की।
पादरी ने चीखते हुए कहा कि समलैंगिकता का समर्थन ना करें। ईसा मसीह आ रहे हैं। उनका आगमन निकट है। इस तरह की शादी से समाज पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि समलैंगिकता का समर्थन करने के कारण ईश्वर ने सोडोम और गोमोरा के शहर आग और सल्फर से बर्बाद कर दिए थे। पुलिस ने बताया कि फेलिक्स को निकट स्थित पुलिस थाने ले जाया गया मगर बाद में छोड़ दिया गया।
संयुक्त राष्ट्र ने फैसले की सराहना की : दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैशेले ने समलैंगिक संबंधों पर भारतीय उच्चतम न्यायालय के फैसले की सोमवार तारीफ की। बैशेले ने कहा कि मैं भारत में उच्चतम न्यायालय द्वारा समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटाने के फैसले की तारीफ करती हूं।