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OMG! मंदिर में बोरियों में दबे भगवान... (वीडियो)

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कीर्ति राजेश चौरसिया

खजुराहो , रविवार, 7 अगस्त 2016 (14:02 IST)
खजुराहो घुमने आए पर्यटक के कई सालों से बंद पड़े एक मंदिर को देख उस समय हैरान रह गए जब उसमें बोरियों के नीचे भगवान की मुर्तियांं दिखाई दी। बताया जा रहा था कि मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है इसलिए इसे बंद रखा गया है। जब मंदिर को खोला गया तो उसके अंदर गर्भगृह में ब्लैक स्टोन का दुर्लभ शिवलिंग और नंदी की प्राचीन मूर्तियां नजर आईं।
 
 
इन दुर्लभ प्राचीन मूर्तियों को पिंक पाउडर की बोरियों के नीचे दबा दिया गया था। अब तक ऐसा क्यों और किसके इसारे पर किया गया इसकी सही वजह का अब तक पता नहीं चल पाया है।
 
एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) ग्वालियर के सहायक अधीक्षक शशिकांत राठौर का कहना है कि मंदिर के बारे में लोकल अफसर या फिर भोपाल के अफसर ही डिटेल बता सकते हैं।
 
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परमार वंश के राजा प्रतापसिंह जूदेव द्वारा 18वीं शताब्दी में बनवाए गए प्रतापेश्वर मंदिर के गेट पर वर्षों से टाला लगा हुआ था। स्थानीय व्यक्ति और पर्यटकों द्वारा देखा गया कि जर्जर हो चुके दरवाजे का एक हिस्सा अपने आप अलग हो चुका है और खुल सा गया है।
 
जब अंदर झांक कर देखा तो घुप्प अंधेरा था और मोबाइल की लाईट मारी गई तो नजारा चौंकाने वाला था। बोरियों से भरा पड़ा था मंदिर।
 
बोरियां हटाई गईं तो गर्भगृह के बाहर नंदी प्रतिमा दिखीं। अंदर जाने पर दुर्लभ शिवलिंग भी मिला। धूल व पाउडर से शिवलिंग पर पक्षियों की बीट पड़ी थी। चारों तरफ पिंक पाउडर की बोरियां शिवलिंग और नंदी के ऊपर ही रखी थीं। मकड़ी के जाल और चमगादड़ों, कबूतरों का डेरा था।
 
लोग बताते हैं कि इस मंदिर के अंदर कभी भी किसी को जाते नहीं देखा है। हमेशा से ही यहां ताला लगा रहा देखते रहे हैं। प्रतापेश्वर मंदिर के अंदर अब तक किसी भी पर्यटक को नहीं ले जा पाए हैं। शुरू से ही इसे ताले में बंद रखा गया है। खजुराहो के लोगों को भी यह पता नहीं होगा कि मंदिर के अंदर कोई मूर्ति भी है। 
 
उल्लेखनीय है कि पहले यह मंदिर राज्य शासन के अधीन था लेकिन फिर एएसआई के पास चला गया। 40 साल पहले एएसआई के सहायक अधीक्षक ने मंदिर में पिंक पाउडर की बोरियां भरवा दी और उसपर ताला डाल दिया। तब से ये मंदिर यूँ ही बंद पड़ा हुआ था।
 

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