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किडनी रैकेट का भंडाफोड़, पांच गिरफ्तार

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नई दिल्ली , शनिवार, 4 जून 2016 (08:34 IST)
नई दिल्ली। किडनी के लेन देन का अवैध कारोबार करने के आरोपों को लेकर दक्षिण पूर्वी दिल्ली के एक प्रमुख अस्पताल के दो कर्मचारियों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग कथित रूप से देश के अलग अलग हिस्सों से किडनी देने वालों को राष्ट्रीय राजधानी लाते थे।
गिरफ्तार लोगों में तीन दलाल शामिल हैं। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पूर्व) मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में शामिल आदित्य सिंह और शैलेश सक्सेना पिछले तीन-चार साल से अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टरों के निजी सचिवों के तौर पर काम कर रहे थे।
 
पुलिस को सूचना मिली थी कि गिरोह के सदस्य किडनी देने वाले एक व्यक्ति और किडनी लेने वाले व्यक्ति के परिजन के बीच बातचीत कराने के लिए दो जून को अपोलो हॉस्पिटल आएंगे। इसके बाद छापेमारी कर गुरुवार को असीम सिकदर, सत्यप्रकाश एवं देवाशीष मौलिक को गिरफ्तार कर लिया गया।
 
दलाल पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और देश के दूसरे हिस्सों के गरीब लोगों को तीन-चार लाख रुपए के बदले किडनी देने के लिए लुभाते थे और दिल्ली लाकर यहां के होटलों में ठहराते थे। अधिकारी ने बताया, 'किडनी लगवाने वाले और किडनी देने वाले व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच कराई जाती थी और अनुकूलता का मेल करने के बाद अपोलो हॉस्पिटल में आपरेशन किए गए।' 
 
रंधावा ने कहा कि पुलिस द्वारा बड़ी संख्या में मूल फाइलें, सीडी और दस्तावेज बरामद करने के साथ किडनी बिक्री के पांच मामलों का पता चला और मामले की पूरी जांच की जा रही है। किडनी गिरोह को लेकर यहां के सरिता विहार पुलिस थाने में आईपीसी और मानव अंग प्रतिरोपण अधिनियम की अलग अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
 
पांचों आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड जैसे फर्जी पहचान पत्र एवं लैपटॉप भी बरामद किए गए। अपोलो हॉस्पिटल ने किडनी गिरोह में अपने शामिल होने से इनकार करते हुए कहा कि वह आरोपियों के सुनियोजित अभियान का ‘शिकार’ हुआ है। (भाषा) 

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