इंदौर। मध्यप्रदेश सरकार पर किसानों के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ (आरकेएमएस) ने आज कहा कि वह अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 10 जून तक सूबे में किसानों का आंदोलन जारी रखेगा। आरकेएमएस की इस घोषणा के बाद 10 दिवसीय आंदोलन को लेकर किसान संगठनों की फूट बढ़ गई है।
आरकेएमएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल शाम उज्जैन में कुछ आंदोलनकारी किसान संगठनों के साथ बातचीत में जो आश्वासन दिया है, हम उससे कतई संतुष्ट नहीं हैं। इसलिये हम अपना आंदोलन 10 जून तक जारी रखेंगे।’
65 वर्षीय किसान नेता ने कहा, ‘पिछले 14 साल में प्रदेश की भाजपा सरकार ने हमारा भरोसा कई बार तोड़ा है। इस सरकार की नीयत भरोसे के काबिल ही नहीं है।’ मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ :बीकेएस: और मध्यप्रदेश किसान सेना ने कल रात किसान आंदोलन वापस लेने की घोषणा की। लेकिन आरकेएमएस और कुछ अन्य किसान संगठन 10 जून तक आंदोलन पर अडिग हैं।
आरकेएमएस प्रमुख ने आरोप लगाया, ‘बीकेएस के साथ मिलकर प्रदेश सरकार और भाजपा संगठन ने किसानों के पवित्र आंदोलन को साजिश के तहत पंचर करने की साजिश रची। आंदोलन को लेकर किसानों में भ्रम फैलाया गया।’ शर्मा ने मांग की कि केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों को सभी तरह से कजोर्ं से मुक्ति दे और लागत आधारित लाभकारी मूल्य पर किसानों की उपज खरीदने की गारंटी प्रदान करे।
किसानों ने एक जून से शुरू हुए आंदोलन के तहत सूबे के अलग.अलग इलाकों में अनाज, दूध और फल.सब्जियों की आपूर्ति रोक रखी है। इस बीच, बीकेएस और मध्यप्रदेश किसान सेना की आंदोलन वापस लेने की घोषणा के बाद इंदौर में आज इन जरूरी चीजों की आपूर्ति में सुधार हुआ। चोइथराम चौराहा स्थित देवी अहिल्याबाई होलकर मंडी में फलों का कारोबार शुरू हुआ। हालांकि, मंडी में सब्जी की आपूर्ति कम ही रही। शहर के कई इलाकों में पिछले चार दिन से बंद दूध की दुकानें आज खुल गयीं। इसके साथ ही, ग्राहकों के घरों में दूध की आपूर्ति शुरू हो गई।