नई दिल्ली। पंजाब में नाभा जेल से दुर्दांत आतंकवादियों के फरार होने के मामले के षड्यंत्र की तह तक जाने के लिए यहां की एक अदालत ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) प्रमुख हरमिंदर सिंह मिन्टू की पुलिस हिरासत की अवधि आज सात दिन और बढ़ा दी।
मिन्टू और पांच अन्य कैदी नाभा जेल से उस वक्त फरार हो गए थे, जब पुलिस की वर्दी पहने कुछ हथियारबंद लोगों ने उस जेल के संतरियों को अपनी बातों में फंसाकर जेल के दरवाजे खुलवा लिए थे। इसी दौरान उन्होंने गोलीबारी की थी और इसके बाद उस अतिसुरक्षित जेल से ये छ: आतंकवादी फरार हो गए। हालांकि मिन्टू को दिल्ली के रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया था।
मिन्टू को नवंबर 2014 को थाईलैंड से भारत लाया गया और 10 आतंकी मामलों में कथित रूप से लिप्त होने के अपराध में पंजाब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। इसी आधार पर पुलिस ने उसकी हिरासत अवधि बढ़ाने की अदालत से गुजारिश की थी, ताकि पटियाला की नाभा जेल फरारी मामले का पूरा खुलासा किया जा सके कि उसमें किन-किन की भूमिका रही है।
यह भी बताया गया है कि इस मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और अन्य आतंकी संगठनों की भूमिका की जांच की आवश्यकता है, क्योंकि वे काफी पहले पाकिस्तान भी गया था।
पुलिस ने अदालत को बताया कि जेल फरारी वाले दिन 100 राउंड गोलियां चलाई गई थी, जिसमें जेल के अधिकारी घायल हुए थे और मिन्टू ने एक जेल अधिकारी से रायफल भी छीनी थी। उधर मिन्टू के वकील ने उसकी पुलिस हिरासत अवधि बढ़ाने संबंधी पुलिस की याचिका का यह कहकर विरोध किया कि वह पहले ही पुलिस हिरासत में था और यह अवधि पूछताछ के लिए पर्याप्त थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेशसिंह ने दिल्ली पुलिस के अनुरोध को स्वीकार करते हुए उसे 12 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए और यह भी कहा कि जरुरत पड़ने पर उसे हथकड़ी लगाकर रखा जाए। (वार्ता)