Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

J&K : 2 पाकिस्तानी आतंकी ढेर, पुलवामा हमले की साजिश में शामिल लंबू भी मारा गया; जैश के सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार था

हमें फॉलो करें J&K : 2 पाकिस्तानी आतंकी ढेर, पुलवामा हमले की साजिश में शामिल लंबू भी मारा गया; जैश के सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार था
, रविवार, 1 अगस्त 2021 (00:02 IST)
श्रीनगर। वर्ष 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में शामिल जैश-ए-मोहम्मद के दो शीर्ष आतंकवादी शनिवार को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में ही सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में मारे गए। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए इसे सुरक्षा बलों के लिए संभवत: 'इस साल की सबसे बड़ी सफलता'करार दिया है।

 
उन्होंने बताया कि जैश का आईईडी विशेषज्ञ इस्माल अल्वी इस मुठभेड़ में मारा गया है, जो सैफुल्ला, लंबू और अदनान जैसे नामों का इस्तेमाल करता था और जैश प्रमुख मसूद अजहर के परिवार से ताल्लुक रखता था। उन्होंने बताया कि अल्वी ने ही पुलवामा हमले के आत्मघाती हमलावर को प्रशिक्षित किया था। इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि मारे गए दूसरे आतंकवादी की पहचान पुलवामा के रहने वाले समीर डार (ए प्लस श्रेणी का आतंकवादी) के तौर पर की गई है। वह पुलवामा हमले में शामिल था और मामले की जांच कर रहे राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआई) ने अपने आरोपपत्र में भी उसे नामजद किया है।

 
गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को आदिल डार नामक आत्मघाती हमलावर ने पुलवामा जिले के लेथपोरा में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर जा रहे सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाकर विस्फोटकों से लदी कार में विस्फोट कर दिया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे जबकि कई अन्य घायल हुए थे। कश्मीर के महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने बताया कि शनिवार के घटनाक्रम के साथ ही पुलवामा हमले के 19 आरोपियों में से 8 आतंकवादी अबतक मारे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि लंबू पुलवामा के लेथपोरा हमले की साजिश में शामिल था और मामले की जांच कर रहे राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दाखिल आरोपपत्र में भी उसका नाम शामिल है।

 
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने पर आज सुबह नामिबियन तथा मारसार वनक्षेत्र और दाचीगाम के इलाके में घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि तलाश कर रहे दल पर आतंकवादियों ने गोलियां चलाईं जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की जिसमें दो आतंकवादी मारे गए।
 
संयुक्त प्रेस वार्ता में कश्मीर के आईजीपी, विक्टर फोर्स के प्रमुख मेजर जनरल रश्मि बाली और सेना की 15वीं या चिनार कोर कमान के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने लंबू के मारे जाने की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पहला, इससे पुलवामा घटना का पटाक्षेप हो गया है, क्योंकि वह हमले के पीछे के मास्टरमाइंड में था जिसने स्थानीय युवक आदिल (डार) को प्रशिक्षित किया जिसने अंतत: खुद को आईईडी हमले में उड़ा लिया था। तबसे वह लोगों को आईईडी बनाने के लिए प्रशिक्षित करने और इनका इस्तेमाल सुरक्षा बलों के खिलाफ करने के लिए जिम्मेदार था।

 
जीओसी ने कहा कि लंबू के खात्मे का दूसरा अहम पहलू है कि वह स्थानीय युवाओं का 'ब्रेनवाश' कर उन्हें आतंकवादी संगठन में भर्ती करने के लिए जिम्मेदार था। उन्होंने कहा कि वह युवाओं को पहले चिह्नित करने, उसके बाद उन्हें कट्टरपंथी बनाने और हथियार देने और आतंकवाद के लिए तैयार करने के लिए जिम्मेदार था। यह रणनीति उसने सुरक्षा बलों की सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के जवाब में बनाई थी।
 
उन्होंने कहा कि इस प्रकार जब इन आतंकवादियों को निष्क्रिय किया जाता था, तो यह दिखाने की कोशिश की जाती थी कि यह आतंकवाद पूरी तरह से स्थानीय आंदोलन है जबकि ऐसा नहीं है। आईजीपी कुमार ने कहा कि लंबू ने कश्मीर में जनवरी 2017 में घुसपैठ की थी और तब से वह दक्षिण कश्मीर में सक्रिय था। उसके खिलाफ 14 प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वह 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले का मुख्य आरोपी था।
 
उन्होंने बताया कि लंबू पिछले महीने त्राल में एसपीओ फयाज अहमद, उनकी पत्नी और बेटी की हत्या में भी शामिल था। कुमार ने कहा कि वह युवाओं को आईईडी (इम्प्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने का प्रशिक्षण देता था। इसलिए उसके मारे जाने से आईईडी का खतरा न केवल दक्षिण कश्मीर में बल्कि पूरी घाटी में कम हुआ है। उन्होंने कहा कि वह समय दूर नहीं जब जैश-ए-मोहम्मद का पूरी घाटी से सफाया हो जाएगा।
 
पूरे ऑपरेशन की जानकारी देते हुए दक्षिण कश्मीर के विक्टर फोर्स के जीओसी मेजर जनरल रशिम बाली ने कहा कि पुलिस और स्थानीय लोगों से बहुत अधिक जानकारी इन आतंकवादियों की आवाजाही की मिली थी क्योंकि ये स्थानीय लोगों के साथ दुर्व्यवहार करते थे। उन्होंने बताया कि पिछले 15 दिनों में 3 शिकायतें मिली थीं कि उसने दाचीगाम जंगल के पास कुछ औरतों के साथ यौन दुर्व्यवहार किया था।
 
मेजर जनरल बाली ने बताया कि जब सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे तो आतंकवादी 'कुत्तों के भौंकने की आवाज'से चौकन्ने हो गए। उन्होंने महिलाओं और बच्चों को ढाल बनाकर भागने की कोशिश की। आतंकवादियों ने गोलीबारी की और हथगोले फेंकने लगे। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों का मानना था कि हम महिलाओं और बच्चों को बचाने की कोशिश करेंगे और तब वे मौका देख फरार हो जाएंगे। दोनों तरफ से गोलीबारी हुई और 2-3 मिनट की मुठभेड़ में ही वे मारे गए।
 
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों को घटना स्थल से एम-4 राइफल और दूरबीन मिली है जिसका इस्तेमाल लंबू करता था। उन्होंने कहा कि हमें ग्लोक पिस्तौल बरामद हुई है, जो हर आतंकवादी के पास नहीं होती है। हमें चीन निर्मित पिस्तौल और एके-47 राइफल भी घटनास्थल से मिली है।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

PM मोदी 2 अगस्त को लांच करेंगे e-RUPI