बेंगलुरु। कर्नाटक में मुरुगा मठ द्वारा संचालित उच्च माध्यमिक विद्यालय की 2 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न मामले में नामजद आरोपी लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुगा शरनारू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले चित्रदुर्ग की एक स्थानीय अदालत ने शरणारु की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई स्थगित कर दी थी।
पुलिस ने इस मामले में शरणारु के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी के बाद महंत को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाया गया। इसके बाद उन्हें कोर्ट में भी पेश किया जाएगा।
शरणारु की गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले कर्नाटक पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। शरणारु कर्नाटक के चित्रदुर्ग में लिंगायत मठ के प्रमुख महंत हैं। राज्य भर में महंत शरणारू की गिरफ्तारी की मांग की लेकर प्रदर्शन हो रहे थे।
नहीं मिली अग्रिम जमानत : इससे पहले चित्रदुर्ग की स्थानीय अदालत ने छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न मामले में मठ के प्रमुख महंत मुरुगा शरणारु की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी थी। इस बीच, अधिवक्ताओं के एक समूह ने कर्नाटक हाईकोर्ट की निगरानी में मामले की जांच कराए जाने की मांग की है।
अधिवक्ताओं के एक समूह ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर दावा किया है कि नाबालिग लड़कियों के कथित यौन शोषण मामले में चित्रदुर्ग स्थित मुरुगा मठ के शिवमूर्ति मुरुगा स्वामी के खिलाफ जांच निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से नहीं की जा रही है।
मठ के अधिकारियों का आरोप : मठ के अधिकारियों ने पूर्व विधायक बसवराजन और उनकी पत्नी पर महंत के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था। बसवराजन ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि आने वाले दिनों में सभी को सब कुछ पता चल जाएगा और अगर बच्चे सही हैं, तो उन्हें न्याय मिलेगा।
इस बीच बसवराजन और उनकी पत्नी को यहां की एक अदालत ने यौन उत्पीड़न और अपहरण के एक मामले में जमानत दे दी। उनके खिलाफ यह शिकायत एक महिला ने दर्ज कराई थी और कहा जाता है कि शिकायतकर्ता मठ की एक कर्मचारी है। बसवराजन ने कहा कि उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ मामला 'पूरी तरह से गलत' और महंत तथा 4 अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर जवाबी आरोप है।
साढ़े 3 साल तक यौन उत्पीड़न : ऐसा आरोप है कि मठ द्वारा संचालित स्कूल में पढने और छात्रावास में रहने वाली 15 और 16 वर्ष की दो लड़कियों का यौन-उत्पीड़न जनवरी 2019 से लेकर जून 2022 तक किया गया था। महंत के खिलाफ पॉक्सो एवं एससी/एसटी अत्याचार निवारण कानून के अलावा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। (भाषा/वेबदुनिया)