नई दिल्ली। दिल्ली के नरेला इलाके में एक सरकारी स्कूल में मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) खाने के बाद 30 छात्राएं बीमार पड़ गईं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। बताया जा रहा है कि मध्याह्न भोजन में मरी हुई छिपकली मिली।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘मध्याह्न भोजन खाने के बाद करीब 30 छात्राएं बीमार पड़ गईं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया।’ उन्होंने कहा कि स्कूल के उप प्रधानाध्यापक का आरोप है कि मध्याह्न भोजन में मरी हुई छिपकली थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अस्पताल अधिकारियों के मुताबिक नरेला के बांकनेर स्थित सीनियर सेकंडरी स्कूल की छात्राओं ने पेट दर्द की शिकायत की थी। छात्राओं को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कथित विषाक्त कढ़ी-चावल का नमूना ले लिया गया है। उसे जल्द ही जांच के लिए भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा, यह भी संभव है कि भोजन गर्मी के कारण खराब हो गया हो। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कारण का पता चल पाएगा। इस घटना के बाद दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में सभी मिड डे मील आपूर्तिकर्ताओं की एक बैठक बुलाई है।
गौरतलब है कि मध्याह्न भोजन खाने के बाद बच्चों के बीमार पड़ने की यह हफ्तेभर के अंदर दूसरी घटना है। इससे पहले, पूर्वी दिल्ली के खिचड़ीपुर में दिल्ली सरकार के एक विद्यालय में शनिवार को मध्याह्न भोजन खाने के बाद दो छात्राएं बीमार हो गई थीं। वहां कथित तौर पर एक मरी हुई छिपकली पाई गई थी।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शहर में दो रसोईघरों का सोमवार को औचक निरीक्षण किया था। वहां स्कूलों के लिए भोजन पकाया जाता है। सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा निदेशक ने सभी मिड डे मील आपूर्तिकर्ताओं की बैठक बुलाई है। मैंने निर्देश दिया है कि उन रसोई घरों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए, जहां स्कूली बच्चों के लिए भोजन पकाया जाता है। यदि उनमें से कोई जरूरी मानदंडों का पालन करते हुए नहीं मिलेगा, तो उसका अनुबंध रद्द कर दिया जाएगा।
दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम छात्राओं के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए अस्पताल गए। (भाषा)