चिराग पासवान को चाचा से धोखा मिला। इसके बाद से उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब उन्हें बंगला खाली करने के लिए नोटिस मिला है।
शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय की ओर से 14 जुलाई को यह आदेश जारी किया गया था इसके बाद चिराग ने थोड़ा समय मांगा है।
दिल्ली के 12, जनपथ स्थित इस बंगले में रामविलास पासवान 3 दशक से भी ज्यादा समय से रह रहे थे। खबरों के मुताबिक पिछले महीने ही चिराग पासवान ने शहरी विकास मंत्रालय से मकान खाली करने के लिए थोड़ा और वक्त मांगा था।
इसके लिए उन्होंने शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात भी की थी। खबरों के मुताबिक अपने पिता रामविलास पासवान की पहली बरसी तक चिराग पासवान इसी बंगले में रहना चाहते हैं। 8 अक्टूबर को रामविलास पासवान की पहली बरसी होगी।
लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान पिछले साल अक्टूबर में निधन होने तक करीब तीन दशक इस बंगले में रहे थे। वर्तमान में उनकी पत्नी, बेटे चिराग पासवान और परिवार के अन्य लोग यहां रह रहे हैं। पिछले महीने, केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने नोटिस जारी किया था। अधिकारी ने कहा, आवास खाली करने का नोटिस इस बंगले में रह रहे लोगों को भेजा गया है।
रामविलास पासवान देश के प्रमुख दलित नेताओं में शामिल थे। पिछले साल अक्टूबर में 74 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था। वे 1989 से ही विभिन्न विचारधारा वाली पार्टियों की सरकारों में केंद्र में मंत्री रहे थे। उल्लेखनीय है कि लोजपा के नेतृत्व को लेकर चिराग की अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ रस्साकशी चल रही है। बिहार के हाजीपुर से सांसद पारस को पिछले महीने नरेंद्र मोदी नीत सरकार में मंत्री बनाया गया है।