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देश को समर्पित होने को तैयार है देश की सबसे लंबी टनल

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सुरेश एस डुग्गर

चनैनी-उधमपुर। वेंटीलेशन से लेकर सर्विलांस, संचार और आपात स्थिति के लिए सभी प्रबंध। निगरानी के लिए बाहर और भीतर 124 सीसीटीवी कैमरे। दोनों छोर पर एक-एक पैन टिलट जूम 360 डिग्री घूमने वाला कैमरा। यह बात हो रही है देश की सबसे लंबी उस टनल की जो कश्मीर और जम्मू के बीच की दूरी को 41 किलोमीटर कम कर देगी यानी सफर ढ़ाई घंटे कम तो होगा ही साथ ही प्रतिमाह जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर चलने वाले वाहन 30 लाख रुपयों का कम ईंधन फूंकेंगें।
 
2 अप्रैल को देश की सबसे लंबी टनल (9.2 किलोमीटर) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को समर्पित करने जा रहे हैं। उनके स्वागत की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आतंकी खतरे और अलगाववादियों द्वारा हड़ताल के आह्वान के बीच उनके दौरे को फूल प्रूफ बनाने के दावे भी किए जा रहे हैं।
 
निचली हिमालय पर्वत श्रृंखला में विपरीत भौगौलिक परिस्थितियों में आरएफएंडएफएस ट्रांसपोर्ट नेटवर्क लिमिटेड ने देश की सबसे बड़ी सड़क परिवहन टनल का निर्माण साढ़े चार साल के रिकार्ड समय में किया है। इसका नाम चनैनी-नाशरी टनल रखा गया है क्योंकि यह जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर चनैनी से आरभ होकर नाशरी नामक स्थान पर जाकर खुलती है।
 
286 किलोमीटर लंबी जम्मू-श्रीनगर चार लेन राजमार्ग वाली परियोजना का हिस्सा 9.2 किलोमीटर लंबी दोहरी ट्यूब सुरंग पर 23 मई 2011 को काम शुरू हुआ। यह सुरंग मार्ग 3,720 करोड़ रुपए की लागत से बना है, जो निचली हिमालय पर्वत श्रृंखला में बनाया गया है।
 
1200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भारत का पहला ऐसा मार्ग होगा जो विश्व स्तरीय ‘समेकित सुरंग नियंत्रण प्रणाली’ से लैस है और जिसमें हवा के आवागमन, अग्निशमन, सिग्नल, संचार और बिजली की व्यवस्था स्वचालित तरीके से काम करेगी।
 
इस सुरंग में दो समानातंर ट्यूब हैं। मुख्य ट्यूब का व्यास 13 मीटर है और सुरक्षा ट्यूब या निकास ट्यूब का व्यास 6 मीटर है। दोनों ट्यूब में 29 जगहों पर क्रास पैसेज हैं। मुख्य ट्यूब में हर 8 मीटर पर ताजा हवा के लिए इनलेट बनाए गए हैं। हवा बाहर जाने के लिए हर 100 मीटर पर आउटलेट बनाए गए हैं।
 
इस मार्ग से राज्य की दो राजधानियों जम्मू और श्रीनगर के बीच सफर में ढाई घंटे कम समय लगेगा।  सड़क मार्ग से चनैनी और नाशरी के बीच की दूरी 41 किलोमीटर के बजाए अब 10.9 किलोमीटर रह जाएगी। इस सुरंग की सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें 124 से ज्यादा सीसीटीवी लगाए गए हैं, जिनमें हर कैमरे की दूरी 75 मीटर है।
 
आईटीसीआर चिंताजनक हालात में सुरंग के अंदर मौजूद कर्मचारियों से संपर्क करके समस्या का निदान करेगा। सुरंग में हर 150 मीटर पर एसओएस बॉक्स लगे हैं। आपातकालीन स्थिति में यात्री इनका इस्तेमाल हाट लाइन की तरह कर सकेंगे। आईटीसीआर से मदद पाने के लिए यात्रियों को एसओएस बॉक्स खोलकर बस 'हैलो' बोलना होगा। एसओएस बॉक्स में फर्स्टएड का सामान और कुछ जरूरी दवाएं भी होंगे।
 
कश्मीर जाने वाले वाहनों को इस टनल से गुजरना सस्ता पड़ेगा क्योंकि चनैनी से नाशरी तक के 41 किमी लंबे टेढ़े मार्ग और जबरदस्त चढ़ाई वाले मार्ग पर एक वाहन औसतन तीन लीटर पेट्रोल खर्च करने के साथ ही परेशानियों से अलग दो चार होता था लेकिन अब यह सफर मात्र 55 रुपयों में होगा, जिसमें समय तथा ईंधन की भी बचत होगी।
 
सुरंग के औपचारिक उद्घाटन के बाद आईएलएंडएफएस सुरंग परियोजना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिरण (एनएचएआई) को सौंप देगी। आईएलएंडएफएस के परियोजना निदेशक जेएस राठौड़ ने बताया कि 9 मार्च और 15 मार्च के बीच इस मार्ग का व्यस्त समय और सामान्य समय के दौरान सफलतापूर्वक औपचारिक परीक्षण किया गया था।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 अप्रैल को जम्मू दौरे पर आ रहे हैं। वह देश की सबसे लंगी स्मार्ट टनल का उद्घाटन करेंगे और उसके बाद उधमपुर में रैली को संबोधित भी करेंगे। प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एजेंसियां दिन-रात सतर्कता से काम कर रही हैं। इस खेमे में अब सेना भी शामिल हो गई है। सुरक्षा का तीसरा घेरा सेना के हवाले हैं जबकि चप्पे-चप्पे पर ड्रोन की निगरानी भी रहेगी। ऐसा करने का एक कारण यह है कि उधमपुर में जिस जगह मोदी रैली करेंगे, वहां साथ ही उत्तरी कमान का मुख्यालय है। सुरक्षा इस लिहाज से भी कड़ी की गई है।


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