*ओशो कम्यून को रिजॉर्ट क्यों बनाया गया, कम्यून के बारे में कुछ कहें?
-1989 में ओशो ने ही इसे रिजॉर्ट बनाने को कहा था। ओशो जानते थे कि समय बदलेगा तो समय के साथ सब कुछ बदलना है। रजनीश आश्रम कोई चर्च नहीं है। चर्च जिसका एक पोप होता है जो सभी को संचालित करता है। यहां ओशो के इनर सर्कल द्वारा उनके संदेश, कार्य, चित्र, पेंटिंग आदि को संरक्षित किया जाता है। यहां जो भी है, वह उनकी देशनाओं को डिजिटल फॉर्म में लाने के लिए कार्यरत है। ओशो का मूल संदेश है मेडिटेशन। यहां की केन्द्रीय गतिविधि है 'मेडिटेशन'।