बेंगलुरू। लेखिका रश्मि बंसल ने उद्यमपूंजी निवेशक महेश मूर्ति पर 13 वर्ष पहले उनका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। हालांकि मूर्ति ने इन आरोपों को ‘पूरी तरह झूठ’ बताकर खारिज कर दिया है। लेखिका ने ये आरोप अपनी किताब के लोकार्पण से पहले लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में एक कैफे में मूर्ति ने छेड़छाड़ के प्रयास किए। हालांकि उन्होंने इस बारे में पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई।
बंसल ने कहा कि यह कहानी वर्ष 2004 की है। मुंबई में मोचा कैफे में एक मुलाकात के दौरान उस व्यक्ति (महेश) ने अपने उस किस्म के विवाह के बारे में बात करनी शुरू कर दी जिसमें पति और पत्नी एक-दूसरे की सहमति से किसी और से संबंध बनाने पर राजी होते हैं।
उन्होंने कहा कि वह मेरे सामने बैठे थे लेकिन फिर उठकर मेरे पास आकर बैठ गए। मेरी ओर झुक गए और फिर उन्होंने मुझे गलत ढंग से छुआ। हालांकि मूर्ति ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने से कहा कि केवल इतना ही नहीं कि वह इन आरोपों के बारे में अचानक 13 वर्ष बाद दावे कर रही हैं बल्कि ये दावे पूरी तरह झूठे और बकवास हैं।
मूर्ति ने कहा कि यह मेरा अपमान करने का सुनियोजित तरीका है। मैं कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करूंगा। बंसल से जब पूछा गया कि उन्होंने मूर्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की तो उन्होंने कहा कि वे ‘बड़ों से बातचीत करने के बाद’ऐसा करने पर विचार कर रही हैं। लेकिन 13 वर्ष बाद आरोप लगाने के पीछे क्या वजह है? उन्होंने कहा कि मैंने देखा कि यही वह दूसरों के साथ कर रहे हैं, जिससे मैं मानसिक रूप से गुजरी हूं, उस सब से वे भी गुजरे हैं। (भाषा)