पुणे। हिंदी फिल्म 'उड़ता पंजाब' के निर्माताओं और सेंसर बोर्ड के बीच का विवाद अभी ठंडा हुआ ही था कि यहां के एक एलजीबीटी कार्यकर्ता अपने मराठी नाटक को लेकर 'महाराष्ट्र सेंसर बोर्ड ऑफ थिएटर्स' (एमसीबीटी) के साथ उलझ गए।
एमसीबीटी अध्यक्ष और जानेमाने अभिनेता अरुण नलवाडे ने हालांकि कहा कि नाटक पर फिर से विचार किया जाएगा। नाटक को कुछ कट के बाद 'ए' प्रमाण पत्र दिया गया है। समपथिक ट्रस्ट के संस्थापक और एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों के लिए कार्यरत बिन्दुमाधव खिरे ने अपने नाटक 'फ्रेडी' में बोर्ड द्वारा सुझाए गए 14 कट का विरोध किया है।
उन्होंने दावा किया कि उन्होंने 11 महीने पहले ही पटकथा सौंपी थी और बोर्ड ने हाल में 14 कट का सुझाव देते हुए 'ए' प्रमाणपत्र दिया है। खिरे ने कहा कि पहले भी उनके दो नाटकों पर सेंसर की कैंची चल चुकी है। (भाषा)