लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने पिछले दिनों फरीदाबाद में एक दलित परिवार को जिंदा जलाए जाने की घटना पर केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह के विवादास्पद बयान की कड़ी निंदा करते हुए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उन्हें बर्खास्त करके जेल भेजने और हरियाणा के मुख्यमंत्री का इस्तीफा लेने की मांग की।
मायावती ने यहां कहा कि फरीदाबाद में पुलिस के पहरे में एक दलित परिवार को जिंदा जलाने की घटना अत्यंत निंदनीय है लेकिन उससे भी ज्यादा दुख की बात यह है कि केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने इस घटना के बाद बयान दिया कि कुत्ते को टक्कर मारोगे तो इसमें प्रशासन क्या करे। यह बयान पूरे देश के दलितों के मान-सम्मान और स्वाभिमान के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी इसकी न सिर्फ घोर निंदा करती है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी से मांग करती है कि उन्हें ऐसी घटिया, तुच्छ और गिरी हुई मानसिकता रखने वाले मंत्री को बर्खास्त कर जेल भेज देना चाहिए।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर मोदी यह नहीं करते हैं तो यह माना जाएगा कि उनका दलितों से कोई सरोकार नहीं है और वे स्मारक बनवाने के नाम पर महज अपने फायदे के लिए डॉक्टर आम्बेडकर के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं।
गौरतलब है कि सिंह ने गत 19-20 अक्टूबर की दरमियानी रात को फरीदाबाद में एक दलित परिवार को जिंदा जलाए जाने की घटना को लेकर गुरुवार को अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र गाजियाबाद में कथित तौर पर कहा था कि हर चीज के लिए सरकार जिम्मेदार हो, ऐसा नहीं है जैसे कि यदि कोई एक कुत्ते पर पत्थर फेंकता है तो भी क्या सरकार जिम्मेदार है, ऐसा नहीं है। आगजनी की इस घटना में 2 बच्चों की मौत हो गई थी।
मायावती ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की थी। लापरवाही के दोषी पुलिसकर्मियों को केवल निलंबित करने से काम नहीं चलेगा, उन पर सख्त धाराएं लगाकर जेल भेज देना चाहिए। जो दलितों की रक्षा न कर सके, ऐसे मुख्यमंत्री का भी इस्तीफा ले लेना चाहिए।
मायावती ने कहा कि मोदी एक तरफ तो आम्बेडकर को सम्मान देने की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के अनुयायियों के साथ अन्याय हो रहा है। ये (विपक्षी दल) केवल आम्बेडकर का नाम इस्तेमाल कर रहे हैं, यह केवल राजनीतिक ड्रामेबाजी है। उन्हें यह बंद कर देना चाहिए।
फरीदाबाद की वारदात के बाद वहां राजनेताओं के जाने के सिलसिले पर बसपा मुखिया ने कहा कि फरीदाबाद की घटना के बाद उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को वहां जाने को कहा था। उसके बाद विभिन्न पार्टियों के लोग भी वहां नाटक करने पहुंच गए। हरियाणा के मुख्यमंत्री को तो दबाव में फरीदाबाद जाना पड़ा ताकि बिहार में भाजपा को नुकसान न हो। चाहे कांग्रेस हो या भाजपा- उनकी जातिवादी मानसिकता अभी तक नहीं बदली है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब चुनाव होता है तो विपक्षी दलों के नेता उनके वोट लेने के लिए किस्म-किस्म की ड्रामेबाजी करते हैं, होर्डिंग लगवाते हैं, फिल्में बनवाते हैं, उनकी बस्तियों में जाते हैं, उनकी खिचड़ी खाते हैं लेकिन जब मतलब निकल जाता है तो उन्हें पूछते तक नहीं हैं।
मायावती ने कहा कि इसलिए मेरा केंद्र सरकार से कहना है कि कांग्रेस ने नाटक किया तो आज वह सत्ता से बाहर है, अगर भाजपा और उसके सहयोगी कांग्रेस के पदचिह्नों पर चलेंगे तो कहीं उनकी भी कांग्रेस जैसी हालत न हो जाए। हो सकता है, बिहार विधानसभा चुनाव में ही हालत खराब हो जाए। (भाषा)