लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा के घोषणा पत्र को प्रचार की नाटकबाजी करार देते हुए रविवार को कहा कि सपा सरकार के 5 साल में काम की बजाय अपराध बोलता नजर आया।
मायावती ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी किए जाने के बाद एक बयान में कहा कि घोषणा पत्र मात्र औपचारिकता निभाने वाला प्रचार नाटकबाजी है।
उन्होंने कहा कि अपनी गलत जातिवादी नीतियों और कार्यक्रमों से प्रदेश को पिछले 5 साल तक लगातार अराजक, आपराधिक, सांप्रदायिक दंगे और भ्रष्टाचार का जंगलराज देकर सपा ने अपने पिछले घोषणा पत्र का जिस तरह मजाक बनाया है, उससे उसे दोबारा घोषणा पत्र जारी कर नए वादे करने का नैतिक अधिकार ही नहीं है। फिर भी जनता को धोखा देने के लिए ऐसा दुस्साहस किया गया, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
मायावती ने कहा कि सपा सरकार के 5 साल के कार्यकाल में काम कम और अपराध ज्यादा बोलता रहा है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के एक प्रचार में 'काम बोलता है' शीर्षक से लघु फिल्म बनाई गई है जिसका प्रसारण समय-समय पर टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर किया गया है।
उन्होंने सपा सरकार के शासनकाल में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने का उल्लेख करते हुए कहा कि अखिलेश ने घोषणा पत्र जारी करते समय बसपा सरकार के समय स्थापित किए गए हाथियों का बार-बार जिक्र कर हमारी पार्टी के चुनाव चिन्ह का मुफ्त में प्रचार किया।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अराजकता और जंगलराज से त्रस्त उत्तरप्रदेश की जनता अब सपा के बहकावे में आने वाली नहीं है। विधानसभा चुनाव में जनता दागी सपा सरकार को उसके गलत क्रिया-कलापों की सजा अवश्य देगी।
उल्लेखनीय है कि अखिलेश ने घोषणा पत्र जारी करते समय मायावती पर कटाक्ष किया था। उन्होंने कहा था कि 'आजकल पत्थर वाली सरकार के लोग टीवी पर बहुत दिखाई देते हैं। नोएडा और लखनऊ में लगे पत्थर याद दिलाते हैं कि अगर उनकी (बसपा) सरकार बनी और मौका मिला तो इससे बड़े हाथी लगा दिए जाएंगे।' (भाषा)