लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि सपा और बसपा में गठबंधन खत्म नहीं हुआ है। हालांकि उन्होंने साफ कहा कि विधानसभा उपचुनाव में पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। इस तरह लोकसभा चुनाव के बाद अनौपचारिक रूप से सपा और बसपा अलग हो गए। हालांकि दोनों के फिर गठबंधन करने की उम्मीदें बरकरार है।जानिए मायावती की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 5 खास बातें...
इसलिए अकेले लड़ेंगे चुनाव : मायावती ने कहा कि राजनीतिक मजबूरियों के चलते बसपा ने आगामी विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ने का फैसला किया है।
एसपी से रिश्ते कभी कम नहीं होंगे : बसपा प्रमुख ने साफ कहा कि गठबंधन से रिश्ते खत्म नहीं हुए हैं। यह रिश्ते कभी खत्म नहीं होंगे।
अखिलेश और डिंपल से रिश्तों पर दिया बड़ा बयान : उन्होंने कहा कि अखिलेश और डिंपल मेरी इज्जत करते हैं। रिश्ते राजनीतिक स्वार्थ के लिए नहीं।
नहीं मिला यादव वोट : मायावती ने दावा किया कि इस चुनाव में बसपा को यादव वोट नहीं मिला। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि रिश्ते राजनीतिक स्वार्थ के लिए नहीं है।
फिर मिलेंगे : बसपा प्रमुख ने कहा कि अगर अखिलेश ने अच्छा काम किया तो दोनों ही दल एक बार फिर साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि अखिलेश के परिवार के ही डिंपल यादव, अक्षय यादव और धर्मेन्द्र यादव लोकसभा चुनाव हार गए थे। हालांकि परिणामों पर नजर डालें तो इस चुनाव में सपा की अपेक्षा बसपा को ज्यादा फायदा मिला है। जिस बसपा के पास 2014 में एक भी सीट नहीं थी, उसने इस बार 10 सीटों पर दर्ज की, वहीं सपा की सीटें पिछली बार की तुलना में और कम (सिर्फ 5) हो गईं। जबकि, एनडीए को राज्य में 64 सीटें मिली हैं।