लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को ऐलान किया कि उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में उनकी पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। किसी के साथ कोई समझौता या गठबंधन नहीं किया जाएगा।
मुसलमानों से बसपा को वोट देने की बार-बार अपील कर चुकीं मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी उत्तरप्रदेश के साथ साथ उत्तराखंड और पंजाब इन तीनों राज्यों में विधानसभा का चुनाव अकेले पूरी तैयारी के साथ अपने बलबूते पर लड़ेगी तथा बसपा मूवमेंट के हित के मद्देनजर किसी के साथ किसी तरह का गठबंधन या समझौता नहीं करेगी।
उन्होंने 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के लिए चुनाव आयोग का स्वागत करते हुए आयोग से अनुरोध किया कि निष्पक्ष चुनाव के लिए केंद्र सरकार को निर्देशित किया जाए कि वह 1 फरवरी को आम बजट पेश न करे और उसके स्थान पर 2012 की तरह सभी 5 राज्यों में अंतिम मतदान की तारीख यानी 8 मार्च के बाद किसी भी तारीख को पेश करे।
मायावती ने कहा कि चुनाव के दौरान आम बजट पेश कर मतदाताओं को प्रभावित किया जा सकता है। इससे निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकेंगे। बसपा प्रमुख ने कहा कि उत्तरप्रदेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए जरूरी था कि यहां कई चरणों में मतदान कराया जाए। 7 चरणों में चुनाव कराने का चुनाव आयोग का फैसला स्वागतयोग्य है।
उन्होंने आशंका जताई कि चुनाव के दौरान सत्ताधारी सपा सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर सकती है इसलिए आयोग के सामने यह एक प्रकार की चुनौती है कि उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव पूरी तरह स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण हों तथा खासकर गरीब, कमजोर और उपेक्षित वर्ग के लोग निर्भीक होकर पूरी आजादी के साथ अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें।
मायावती ने एक बयान में कहा कि इसके लिए जरूरी है कि केंद्रीय सुरक्षा बलों की अधिक से अधिक तैनाती की जाए और स्थानीय पुलिस पर कड़ी नजर रखी जाए ताकि उन्हें मनमाना और पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने से रोकना सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि बसपा एक अनुशासित पार्टी है और चुनावों में आदर्श आचार संहिता का सख्ती से अनुपालन स्वयं अपने स्तर पर भी सुनिश्चित करती है। इस बारे में पार्टी के सभी लोगों को सख्त निर्देश देने के लिए जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि परंतु जैसा हर चुनाव में देखने को मिलता है कि विरोधी पार्टियों में से खासकर भाजपा, सपा और कांग्रेस जान-बूझकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करती हैं। मायावती ने कहा कि ऐसा कड़वा अनुभव 2014 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिल चुका है इसलिए इस संबंध में चुनाव आयोग को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। (भाषा)