मेरठ पुलिस ने आज कुख्यात अपराधी उधम सिंह को बैंक कर्मचारियों को धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। हालांकि ये शातिर अपराधी अभी 10 दिन पहले ही बाराबंकी जेल से छूटकर बाहर आया था, गिरफ्तार होते ही कुख्यात की पत्नी और मां उसे बेकसूर बताते हुए थाने पहुंच गईं और उसे छोड़ने की मांग करने लगीं।
कुख्यात उधम सिंह को मेरठ एसपी देहात केशव सिंह और सरूरपुर के डिप्टी एसपी ने करनावल स्थित घर जाकर उसे गिरफ्तार कर लिया। जहां से उसे कोर्ट में पेश करते हुए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।पुलिस का कहना है कि उधम ने अपने ही गांव के बैंक कर्मचारियों को धमकी दी थी। कुख्यात उधम सिंह 10 दिन पहले ही जमानत पर जेल से छूटकर आया था और अपने गांव करनावल में परिवार के साथ रह रहा था।
गैंगस्टर उधम सिंह पर विभिन्न थानों में दर्ज हत्या, लूट और अपहरण के 50 से अधिक मामले दर्ज हैं। गौरतलब है कि जेल से आने के बाद वह राजनीति में अपना भाग्य आजमाना चाहता था, जिसकी गोटियां उसने सैट करनी शुरू कर दी थी। उधम सिंह ने दावा किया है कि वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गया है, लेकिन भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इस पर अपनी फिलहाल कोई प्रतिक्रिया भी नहीं दी है और उधम सिंह से दूरी भी बनाई हुई है।
वहीं इस कुख्यात ने जेल में रहते हुए अपनी पत्नी पुष्पा को दो साल पहले करनावल का चेयरमैन बनवाया और अब उसकी खुद की महत्वाकांक्षा है कि वह राजनीति के गलियारों में कदम रखकर जनता की सेवा करे। इसलिए उसका कहना है कि रंगदारी मांगने का प्रश्न ही नहीं उठता है। यदि कोई मेरे नाम यानी उधम सिंह के नाम से रंगदारी मांगता है या उत्पीड़न करता है तो पुलिस स्वतंत्र है उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए। यदि पुलिस जांच में मेरा अपराध साबित होता है तो पुलिस मेरे खिलाफ एक्शन ले सकती है।
उधम सिंह को आज जिस तरह उसके घर से अचानक गिरफ्तार करके जेल भेजने के पीछे उसका राजनीति में आने का प्रचार भी हो सकता है। क्योंकि कुख्यात बीजेपी में होने का दम भर रहा है। उधम सिंह और योगेश भदौड़ा गैंग के मध्य लंबे अरसे से खूनी गैंगवार चल रही है। दर्जनों मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज है, कूछ में सजा हो चुकी है और कुछ कोर्ट में विचाराधीन है।