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महबूबा के काफिले पर पथराव, बाल-बाल बचीं

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सुरेश डुग्गर

, शनिवार, 3 सितम्बर 2016 (18:03 IST)
श्रीनगर। हिंसा पर उतारू भीड़ ने आज (शनिवार को) मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के काफिले पर भी भारी पथराव किया। हालांकि मुख्यमंत्री इसमें बाल-बाल बच गईं, पर उनके काफिले के कुछ  वाहन जरूर क्षतिग्रस्त हुए हैं।
इस बीच आज 57वें दिन हुर्रियत के लाल चौक और एयरपोर्ट पर कब्जे के आह्वान से निपटने  के लिए सुरक्षाबलों को और सख्ती करनी पड़ी। इससे भड़की हिंसा में 200 से अधिक के जख्मी  होने की खबर है जबकि आज सुरक्षाबलों के गुस्से का शिकार पत्रकार और फोटो पत्रकार भी हुए  हैं। 
 
राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी शनिवार को हिंसा पर उतारू पथरबाजों की शिकार हो  गईं। बताया गया है कि उनके काफिले पर पत्थर फेंके गए, लेकिन उन्हें किसी तरह का  नुकसान नहीं हुआ है। 
 
गौरतलब है कि वे अपने काफिले के साथ शनिवार को हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के  परिवारों से मिलने के लिए गई थी। बताया गया है कि शनिवार की सुबह जैसे ही महबूबा अपने  काफिले के साथ निकलीं, थोड़ी दूर पहुंचने के बाद ही उनके काफिले पर पत्थरों से हमला बोल  दिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने पूर्व में यह कहा था कि वे हिंसा में घायल व  मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करने के लिए जाएंगी।
 
हालांकि वे सुरक्षाकर्मियों के साथ पुलगाम और अन्य क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों से मिलीं भी।  उन्होंने कहा कि घाटी में शांति बहाली के लिए उनकी सरकार हर हाल में प्रयास कर रही है। 
महबूबा ने पुलगाम में लोगों के साथ चर्चा तो की ही, दुआ के लिए भी उनके हाथ उठे।
कश्मीर में जारी अशांति के 57 दिन बाद आज मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती कुलगाम जिले में  सुरक्षा बलों की गोलाबारी में मारे गए व्यक्ति के परिजनों से मिलीं। 
 
उन्होंने कहा कि सभी को राज्य में शांति बहाली के लिए प्रयास करने चाहिए। फेसबुक पोस्ट में  महबूबा ने लिखा कि मारे गए मसहूक अहमद के परिवार से मुलाकात की। कुलगाम के कुंद में  गोलाबारी के दौरान उनकी मौत हो गई थी। दुख संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। 
 
यह पहली बार है, जब मुख्यमंत्री हिंसा में मारे गए लोगों में से किसी के घर पहुंचीं। इससे  पहले गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों से उन्होंने 21 जुलाई को दक्षिण कश्मीर में  मुलाकात की थी, लेकिन यह मुलाकात सरकारी स्थल पर हुई थी। मुख्यमंत्री ने परिवार से  मुलाकात के दौरान ली गई तस्वीरें और लघु वीडियो भी फेसबुक पेज पर पोस्ट की।
 
उन्होंने लिखा है कि मानवीय जीवन की क्षति तो सबसे बड़ी त्रासदी है। सभी को जम्मू-कश्मीर  में शांति के लिए प्रयास करना चाहिए। 8 जुलाई को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल  मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में अशांत हालात बन गए थे  और इस दौरान अब तक 75 लोगों की मौत हो चुकी है।
 
इस बीच कश्मीर में शनिवार को फिर से हिंसा भड़क उठी। जहां एक तरफ श्रीनगर में  मीडियाकर्मियों पर सुरक्षाबलों द्वारा पिटाई करने का आरोप है वहीं ताजा हिंसा में 200 से  ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। अनंतनाग के रैनपोरा इलाके में सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर  उतरकर प्रदर्शन किया। युवाओं द्वारा सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया गया। 
 
स्थिति को काबू में करने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में 200 लोग घायल  हो गए हैं जिनमें से 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है। श्रीनगर में मीडियाकर्मियों ने भी  सुरक्षाबलों द्वारा उनकी पिटाई करने का आरोप लगाया है।
 
लाल चौक और एयरपोर्ट रोड पर कब्जे के अलगाववादियों के आह्वान को देखते हुए श्रीनगर के  कई इलाकों में आज भी कर्फ्यू जारी रहा जबकि बाकी कश्मीर में कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लागू  रहीं। वहीं 57 दिनों से जनजीवन पंगु बना हुआ है। 
 
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर के मुख्य इलाके के 5 थाना क्षेत्रों और शहर के  बाहरी इलाके बटमालू तथा मैसूमा में कर्फ्यू जारी रहा। 
 
उन्होंने कहा कि गर्मियों की राजधानी के इन इलाकों में एहतियाती उपाय के तौर पर कर्फ्यू  जारी रहेगा। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के घाटी दौरे  के विरोध में अलगाववादियों ने लोगों से आज और रविवार को एयरपोर्ट रोड, शहर के मध्य में  स्थित लाल चौक और जिला मुख्यालय पर कब्जा करने का आह्वान किया है जिसके मद्देनजर  कर्फ्यू लगाया गया है।
 
बहरहाल, अफसर ने कहा कि शहर के उन इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है, जहां शुक्रवार को  इसे लागू किया गया था। हालात में सुधार को देखते हुए घाटी के अन्य इलाकों से भी कर्फ्यू  हटा लिया गया है। 
 
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद हिंसा की आशंका के मद्देनजर  पुलवामा, कुलगाम, शोपियां, बारामूला और पट्टन शहरों के अलावा श्रीनगर के कुछ हिस्सों में  फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया था। सूत्रों ने बताया कि बाकी घाटी में लोगों की आवाजाही पर  कर्फ्यू जैसी बंदिशें जारी रहेंगी।

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