श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को अपना आपा खो दिया और अचानक ही वह प्रेस वार्ता खत्म कर दी। इस प्रेस वार्ता को महबूबा और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह संबोधित कर रहे थे। दरअसल, महबूबा उस वक्त बिफर पड़ीं, जब राज्य के मौजूदा संकट से निपटने में उनकी भूमिका से जुड़े सवाल पूछे गए।
एक सवाल का जवाब देने के बाद महबूबा अचानक से उठ खड़ी हुईं और पत्रकारों को ‘शुक्रिया’ कहा, जबकि राजनाथ वहां बैठे ही रहे। इसके बाद राजनाथ भी हिचकिचाते हुए उठे और महबूबा के आवास पर आयोजित यह प्रेस वार्ता खत्म कर दी गई।
सवालों के जवाब देते हुए महबूबा ने पत्थरबाजी और पिछले 47 दिनों में कश्मीर में हुई हिंसा के अन्य स्वरूपों की निंदा की। उन्होंने कहा कि जब हिंसा पर उतारू भीड़ सुरक्षा बलों के शिविरों, पुलिस पिकेटों और पुलिस थानों पर हमले करेगी तो कुछ नुकसान तो होगा ही।
महबूबा ने अपनी पहले की एक टिप्पणी को स्पष्ट करते हुए कहा कि कश्मीर के महज 5 फीसदी लोग हिंसक विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं तथा उनके कहने का मतलब यह है कि 95 फीसदी लोग समस्या का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं और 5 फीसदी लोगों ने हिंसा में शामिल होकर पूरे मुद्दे को हथिया लिया है।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि मैं कश्मीर मुद्दे के समाधान के पक्ष में हूं। वार्ता होनी चाहिए, लेकिन पत्थरबाजी करके और शिविरों पर हमला करके कोई मुद्दा नहीं सुलझने वाला। हम मुद्दे को दरकिनार नहीं कर रहे। हम समाधान चाहते हैं। (भाषा)