भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल और इन्दौर शहरों में मेट्रो रेल चलाने के लिए गठित मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड को अब मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के नाम से जाना जाएगा। जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को कंपनी की निदेशक मंडल की बैठक में कंपनी का नाम बदलकर 'मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन' करने का निर्णय लिया गया।
अधिकारी ने बताया कि कंपनी को बोर्ड बनाए जाने के संबंध में भारत सरकार, मध्य प्रदेश सरकार एवं मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड के बीच 19 अगस्त 2019 को त्रिपक्षीय एमओयू साइन किया गया था। बुधवार की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
कॉपोरेशन के प्रबंध निदेशक नीतेश व्यास ने बताया कि त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार नए बोर्ड में भारत सरकार के 5 संचालक तथा मध्य प्रदेश सरकार के 5 संचालक (प्रबंध संचालक सहित) शामिल होंगे। मध्य प्रदेश सरकार के नगरीय विकास आयुक्त इसके प्रबंध संचालक होंगे तथा प्रमुख सचिव वित्त, राजस्व, लोक निर्माण विभाग तथा नगरीय विकास विभाग इसके संचालक होंगे।
चौहान ने बैठक में निर्देश दिए कि इस संबंध में आगामी कार्यवाहियां तत्परता के साथ पूर्ण की जाएं, जिससे प्रदेश के इंदौर-भोपाल शहरों में मेट्रो रेल के कार्य को गति प्रदान कर लक्षित समय 3 से 4 वर्ष में पूर्ण किया जा सके।
भारत सरकार के मेट्रो रेल अधिनियमों के अंतर्गत मेट्रो निर्माण क्षेत्र को मेट्रोपोलिटन क्षेत्र घोषित किया जाना आवश्यक है। इस संबंध में बैठक में इंदौर एवं भोपाल मेट्रो क्षेत्रों को 'मेट्रोपोलिटन क्षेत्र' घोषित किए जाने संबंधी कार्रवाई किए जाने का निर्णय लिया गया।(भाषा)