गुजरात के ब्रांड अमूल दूध की कर्नाटक में एंट्री के बाद राज्य में घमासान छिड़ गया है। नंदिनी बनाम अमूल की यह लड़ाई राज्य में चुनावी मुद्दा बन गई है। कांग्रेस ने कहा है कि जब अपना ब्रांड नंदिनी मौजूद है तो हमें गुजरात के दूध की क्या जरूरत है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का कहना है कि इससे किसी को नुकसान नहीं होगा।
दरअसल, नंदिनी कर्नाटक मिल्क फेडरेशन का ब्रांड है। कांग्रेस का इसको लेकर तर्क है कि इससे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को नुकसान पहुंचेगा। वहीं, मुख्यमंत्री का कहना है कि कर्नाटक में पहले से ही 18 ब्रांडों का दूध उपलब्ध है, ऐसे में अमूल के आने से किसी को भी नुकसान नहीं होगा।
शिवकुमार नंदिनी बूथ पहुंचे : इस बीच, अमूल की एंट्री के खिलाफ कांग्रेस ने कई स्थानों पर प्रदर्शन भी किया है। कांग्रेस और जदएस का आरोप है कि भाजपा सरकार स्थानीय ब्रांड नंदिनी को नुकसान पहुंचाने का काम कर रही है। नंदिनी ब्रांड के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार भी नंदिनी बूथ पर पहुंचे। दरअसल, अमूल ने 5 अप्रैल को ट्वीट कर कर्नाटक में एंट्री की जानकारी दी थी।
यह अमित शाह का प्लान है : कांग्रेस ने इस पूरे विवाद पर ट्वीट करते हुए कहा कि यह नंदिनी बनाम अमूल का मामला नहीं है, बल्कि यह नंदिनी ब्रांड को नुकसान पहुंचाने की अमित शाह की योजना है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के शासनकाल में दूध उत्पादन घटकर 70 लाख लीटर रह गया है। भाजपा सरकार ने किसानों के लिए प्रोत्साहन राशि में भी इजाफा नहीं किया।
कांग्रेस ने कुछ सवाल भी उठाए हैं। उनके जवाब में कांग्रेस ने कहा कि नंदिनी कर्नाटक राज्य का ही ब्रांड है। लगभग 26 लाख किसान कर्नाटक दुग्ध महासंघ का हिस्सा हैं, जिससे 20,000 करोड़ रुपए की आय होती है। इसका फायदा सहकारिता से जुड़े 1.25 करोड़ लोगों को मिलता है।
कांग्रेस का कहना है कि पिछली कांग्रेस सरकार ने क्षीर भाग्य योजना के तहत किसानों को 5 रुपए प्रति लीटर का प्रोत्साहन देकर दुग्ध उत्पादन बढ़ाया था। 2014 में दूध का उत्पादन 43 लाख लीटर था, जो 2018 में बढ़कर 75 लाख लीटर हो गया था।
राजकुमार कर चुके हैं एड : कर्नाटक के प्रसिद्ध अभिनेता राजकुमार, पुनीत राजकुमार और श्रेया शरण जैसे दिग्गज कलाकार नंदिनी ब्रांड का निशुल्क विज्ञापन कर चुके हैं।