जालना (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना से मंत्री अब्दुल सत्तार ने बलात्कार का आरोप झेल रहे अपने राकांपा कैबिनेट सहयोगी धनंजय मुंडे का बचाव करते हुए कहा कि 'प्यार किया तो डरना क्या'। सत्तार ने कहा कि मुंडे ने खुद ही कहा है कि शिकायत करने वाली महिला की बहन के साथ उनके प्रेम संबंध रहे हैं और उनके 2 बच्चे भी हैं।
मुंडे के खिलाफ बलात्कार के आरोपों और भाजपा द्वारा उनके इस्तीफे की मांग पर मंत्री ने कहा, उन्होंने (मुंडे) कुछ नहीं छुपाया है... प्यार किया तो डरना क्या। गायक बनने की इच्छुक 37 वर्षीय महिला ने 10 जनवरी को मुंबई के पुलिस आयुक्त को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि 2006 में मुंडे ने उसके साथ बार-बार बलात्कार किया। महिला ने दावा किया कि उसने पहले ओशिवरा थाने में शिकायत दी थी लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया।
बीड़ जिले से राकांपा नेता मुंडे ने आरोपों से इंकार करते हुए दावा किया है कि महिला और उसकी बहन उन्हें ब्लैकमेल कर रही है। मुंडे (45) ने कहा कि महिला का दावा उन्हें ब्लैकमेल करने की साजिश का हिस्सा है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि वह महिला की बहन के साथ प्रेम संबंध में थे और उनके दो बच्चे भी हैं।
मुंडे ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि उनकी पत्नी, परिवार और मित्रों को इस संबंध के बारे में पता था और उनके परिवार ने दोनों बच्चों को स्वीकार भी किया है। उन्होंने कहा कि जिस महिला के साथ उनके संबंध थे, वह 2019 से ही उन्हें ब्लैकमेल कर रही है। उन्होंने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी और बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर उनके खिलाफ मानहानिकारक सामग्री के वितरण पर रोक लगाने की मांग की थी।
सत्तार ने कहा कि 1990 के दशक में जब एक महिला के साथ अपने संबंधों को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे को आलोचना झेलनी पड़ रही थी तो उस वक्त शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने पूर्व उपमुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा था कि 'प्यार किया तो डरना क्या'।
धनंजय ने उक्त संबंध के बारे में चुनावी हलफनामे में जिक्र नहीं किया है, इन आरोपों के बारे में सत्तार ने कहा कि ज्यादातर नेता ऐसा करते हैं, भाजपा वाले भी करते हैं। शिवसेना नेता ने कहा, भाजपा नेताओं के खिलाफ मेरे पास ऐसी सूचना है और उचित समय पर मैं उनका पर्दाफाश करूंगा।
सत्तार ने आरोप लगाया कि 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जालना से शिवसेना उम्मीदवार के खिलाफ काम किया जिसके कारण उन्हें कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 2019 विधानसभा चुनाव शिवसेना और भाजपा ने साथ मिलकर लड़ा था लेकिन बाद में सत्ता के बंटवारे को लेकर दोनों के रास्ते अलग-अलग हो गए।
नवंबर 2019 में राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिलाकर शिवसेना ने राज्य में महा विकास अघाड़ी सरकार बनाई जिसमें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने।(भाषा)