Case of missing Indian citizens : ईरान में लापता हुए अमृतपाल सिंह के परिवार ने उस समय राहत की सांस ली जब ईरानी दूतावास ने उन्हें बताया कि सिंह को तेहरान में पुलिस ने ढूंढ निकाला है और रिहा करा लिया गया है। परिवार को अमृतपाल नामक व्यक्ति का फोन भी आया, लेकिन उनका कहना है कि जब तक वह उसे देख नहीं लेते तब तक उन्हें तसल्ली नहीं होगी। परिवारों ने यह भी दावा किया कि अपहरणकर्ताओं ने उनकी रिहाई के लिए फिरौती के तौर पर भारी-भरकम रकम मांगी थी। नई दिल्ली में ईरानी दूतावास ने तेहरान में मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि पिछले महीने लापता हुए सभी तीन भारतीय नागरिकों को बचा लिया गया है।
पंजाब के होशियारपुर स्थित भागोवाल गांव के निवासी अमृतपाल (23), संगरूर के धुरी निवासी हुसनप्रीत सिंह और शहीद भगत सिंह नगर के लंगरोया के निवासी जसपाल सिंह मई में ईरान में लापता हो गए थे। उनके परिवारों ने दावा किया कि ट्रैवल एजेंटों द्वारा ऑस्ट्रेलिया में अच्छे रोजगार का वादा किए जाने पर वे ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए थे लेकिन ईरान पहुंचे गए और बाद में वहां उनका अपहरण कर लिया गया।
परिवारों ने यह भी दावा किया कि अपहरणकर्ताओं ने उनकी रिहाई के लिए फिरौती के तौर पर भारी-भरकम रकम मांगी थी। नई दिल्ली में ईरानी दूतावास ने तेहरान में मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि पिछले महीने लापता हुए सभी तीन भारतीय नागरिकों को बचा लिया गया है। पिछले सप्ताह, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह लापता भारतीयों के मामले में ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है।
ईरानी दूतावास ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, तेहरान पुलिस ने तीन लापता भारतीय नागरिकों को रिहा करा लिया है। इसने कहा, ईरान में स्थानीय मीडिया का कहना है कि पुलिस ने ईरान में लापता हुए तीन भारतीयों को खोज निकाला और उन्हें रिहा करा लिया है। बुरे जट्टां स्थित एक रिश्तेदार के घर पर रह रहे अमृतपाल के परिवार ने कहा कि वह इस सूचना से काफी प्रसन्न हैं।
उनके चचेरे भाई युद्धवीर सिंह ने बताया कि मंगलवार शाम करीब छह बजे परिवार को एक फोन आया। उन्होंने कहा, फोन करने वाले ने खुद को अमृतपाल बताया और कहा कि उसे अपहरणकर्ताओं से मुक्त करा लिया गया है। युद्धवीर सिंह ने कहा, उसने कुछ धनराशि मांगी, दावा किया कि उसके पास धनराशि नहीं बची है। लेकिन उसकी आवाज धीमी और दबी हुई थी और हम यह भी सुनिश्चित नहीं कर पाए कि फोन करने वाला वास्तव में अमृतपाल ही था या उसने किसी के दबाव में फोन किया।
परिवार अमृतपाल को देखकर तसल्ली करना चाहता है। युद्धवीर ने ईरानी अधिकारियों से वीडियो कॉल कराने का आग्रह करते हुए कहा, जब तक हम उसे नहीं देख लेते और उससे बात नहीं कर लेते, हमारे मन को तसल्ली नहीं होगी। उन्होंने कहा, हमें असली प्रसन्नता तभी होगी जब वह सुरक्षित घर आ जाएगा।
अमृतपाल एक मई को हुसनप्रीत और जसपाल के साथ ईरान के रास्ते ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुआ था। स्थानीय ट्रैवल एजेंटों ने कथित तौर पर उन्हें ऑस्ट्रेलिया में अच्छा रोजगार दिलाने का वादा कर उनके साथ धोखा किया। उन्हें बताया गया था कि ईरान में उनका पड़ाव अस्थाई है और वे जल्द ही अपने अंतिम गंतव्य के लिए रवाना हो जाएंगे। हालांकि तेहरान पहुंचने के तुरंत बाद उनका अपहरण कर लिया गया।
अमृतपाल की मां गुरदीप कौर ने पहले कहा था कि उनका बेटा 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक कारखाने में काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि परिवार ने ट्रैवल एजेंटों धीरज अटवाल और पिपलांवाला के कमल अटवाल को 18 लाख रुपए दिए थे जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में वर्क वीजा और नौकरी का वादा किया था।
भारत ने ईरान को दिया धन्यवाद : भारत ने पिछले महीने लापता हुए 3 भारतीयों को सुरक्षित बचाने के लिए बुधवार को ईरान को धन्यवाद ज्ञापित किया। भारत ने कहा कि ईरान का समर्थन दोनों देशों की मित्रता की सच्ची भावना को दर्शाता है। ईरान से संचालित समाचार एजेंसी तस्नीम ने मंगलवार को अपनी खबर में कहा, दक्षिणी तेहरान के वरामिन में बंधक बनाने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की गई और बंधकों को मुक्त करा लिया गया।
ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, तीनों अपहृत भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बचा लिया गया है और अब वे भारतीय दूतावास की देखरेख में हैं, जो उनकी शीघ्र स्वदेश वापसी में सहायता कर रहा है। भारतीय दूतावास ने कहा, हम उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए ईरान सरकार की त्वरित और प्रभावी कोशिशों के लिए उनका दिल से धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। आपका समर्थन हमारे दोनों देशों के बीच मित्रता की सच्ची भावना को दर्शाता है। (इनपुट भाषा)
Edited By : Chetan Gour