आज ही के दिन यानी 22 नवंबर, 1939 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के छोटे से गांव सैफई में जन्मे मुलायम सिंह ने एक साधारण से परिवार से निकलकर पूरे प्रदेश की सियायत में अपना दमखम दिखाया। मुलायम सिंह यादव का नाम उत्तर प्रदेश की राजनीति में सबसे ताकतवर राजनीतिज्ञ के रूप में लिया जाता है। यही कारण है कि उनका परिवार अब किसी भी पार्टी में सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार होने का दावा करता है। जब भी देश में तीसरे मोर्चे की चर्चा होती है, मुलायम सिंह यादव का नाम सबसे पहले लिया जाता है। वे उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश की सियासत में भी चर्चा में रहे...
प्रारंभिक जीवन : मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर, 1939 को उत्तर प्रदेश के सैफई गांव में किसान परिवार में हुआ। मुलायम सिंह ने आगरा विश्वविद्यालय से एमए एवं जैन इंटर कॉलेज करहल (मैनपुरी) से बीटी करने के बाद इंटर कॉलेज में पढ़ाने का कार्य भी किया।
पारिवारिक पृष्ठभूमि : मुलायम सिंह यादव की माता का नाम मूर्तिदेवी और पिता का नाम सुघर सिंह है। पांच भाइयों में तीसरे नंबर के मुलायम सिंह के दो विवाह हुए हैं। पहली शादी मालती देवी के साथ हुई। मालती देवी के निधन के पश्चात उन्होंने सुमन गुप्ता से विवाह किया।
राजनीतिक जीवन : मुलायम सिंह यादव ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 15 वर्ष की आयु में की जब उन्होंने 1954 में महान समाजवादी नेता डॉ. राममनोहर लोहिया के नहर रेट आंदोलन में भाग लिया और जेल गए। मुलायम सिंह यादव 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर प्रथम बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए।
इमरजेंसी के दौरान मुलायम सिंह यादव 19 माह जेल में रहे। 1977-78 में रामनरेश यादव और बनारसीदास मंत्रिमंडल में सहकारिता एवं पशुपालन मंत्री बनाए गए। उन्होंने नवंबर 1992 को लखनऊ में समाजवादी पार्टी की स्थापना की। इसके बाद से ही वे करीबी लोगों के बीच मंत्रीजी के नाम से जाने जाने लगे।
भारत के राजनीतिक इतिहास की यह एक क्रांतिकारी घटना थी, जब लगभग डेढ़-दो दशकों से मृतप्राय: समाजवादी आंदोलन को पुनर्जीवित किया गया। मुलायम सिंह यादव तीन बार क्रमशः 1989 से 1991 तक, 1993 से 1995 तक और 2003 से 2007 तक उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
मुलायम सिंह यादव 1996 से 1998 तक एचडी देवेगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल की सरकारों में भारत के रक्षामंत्री के पद पर भी रहे। इमरजेंसी के दौरान मुलायम सिंह 19 माह जेल में रहे।
उपलब्धि : मुलायम के सिर पर वर्ष 1992 में एक और सेहरा बंधा जब 5 नवम्बर, 1992 को लखनऊ में समाजवादी पार्टी की स्थापना की गई। अपने राजनीतिक करियर में वे तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे।
आज उत्तर प्रदेश की कमान सपा प्रमुख मुलायम सिंह के पुत्र अखिलेश के हाथों में है। सिर्फ अखिलेश ही नहीं, मुलायम के परिवार की तीसरी पीढ़ी का भी अब राजनीति में दखल हो चुका है। यही नहीं, मुलायम परिवार की महिलाएं भी राजनीति में आगे बढ़ रही हैं।