लखनऊ। 'यादव परिवार' में चल रही वर्चस्व की लड़ाई से समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेताओं में बेचैनी बढ़ गई है।
इसी बेचैनी के बीच शनिवार को कई वरिष्ठ नेताओं ने सपा के संस्थापक अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। मुलाकात करने वालों में बेनी प्रसाद वर्मा, रेवती रमण सिंह, माता प्रसाद पांडेय, किरणमय नंदा, आशु मलिक और नरेश अग्रवाल मुख्य रूप से शामिल थे।
इन नेताओं को हालांकि भरोसा है कि पार्टी टूटेगी नहीं लेकिन वे चाहते हैं कि सब कुछ जल्द से जल्द पूर्ववत हो जाए। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने यादव से मुलाकात करने के बाद कहा कि जल्द ही सब ठीक हो जाएगा। उन्होंने लोगों से अनावश्यक बयान देने और चिट्ठी-पत्री लिखने से बाज आने की सलाह दी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि मीडिया में आ रहीं खबरों से मूल कार्यकर्ता आहत हैं लेकिन सभी को विश्वास है कि पार्टी में कोई टूट नहीं होगी। नेताजी पार्टी के सर्वेसर्वा हैं तो अखिलेश भविष्य के चेहरे। यह सभी को मानना पड़ेगा, क्योंकि हकीकत यही है तथा यादव परिवार को वे 4 दशकों से जानते हैं। बड़ी-बड़ी समस्याओं को वह परिवार बैठकर हल कर लेता है। यह समस्या भी निपट जाएगी। नेताजी के रहते हुए पार्टी के टूटने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता और नगर विकास मंत्री मो. आजम खां ने भी कहा कि नेताजी के रहते किसी को चिंतित होने की जरुरत नहीं है। नेताजी का राजनीतिक कद बहुत बड़ा है। वे जिससे जो कह देंगे, उसे मानना ही पड़ेगा। वे पार्टी के सब कुछ हैं। उनको नजरंदाज करने वाले वाले को कार्यकर्ता किनारे कर देंगे।
उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने तो साफ कह दिया है कि पार्टी सत्ता में आई तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव होंगे। पार्टी हित में वे कोई भी पद छोड़ने को तैयार हैं तो अब विवाद कैसा रह गया? मीडिया इसे अनावश्यक तूल दे रहा है।
पार्टी उपाध्यक्ष किरनमय नंदा ने कहा कि सब कुछ साफ है। नेताजी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो शिवपाल सिंह यादव प्रदेश अध्यक्ष। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं और भविष्य में वे इसी पद के लिए पार्टी के चेहरे भी रहेंगे। विवाद तो कहीं है ही नहीं। उन्होंने मीडिया से संयम बरतने की अपील की। (वार्ता)