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मुस्लिम परिवार ने नवजात का नाम रखा 'नरेन्द्र दामोदरदास मोदी'

हमें फॉलो करें मुस्लिम परिवार ने नवजात का नाम रखा 'नरेन्द्र दामोदरदास मोदी'
, शनिवार, 25 मई 2019 (19:58 IST)
गोंडा (उप्र)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों एवं कार्यक्रमों से प्रभावित होकर जिले के एक मुस्लिम परिवार ने अपने नवजात शिशु का नाम प्रधानमंत्री के नाम पर रखा है। साथ ही सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को इस आशय का शपथ पत्र देते हुए बच्चे का नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज कर जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का अनुरोध किया है।
 
जानकारी के अनुसार जिले के वजीरगंज क्षेत्र के अंतर्गत परसापुर महरौर निवासी मोहम्मद इदरीश की पुत्रवधू मैनाज बेगम को एक बच्चा हुआ। बीते 23 मई को मतगणना के दिन जब बच्चे के नामकरण की चर्चा शुरू हुई तो इस महिला ने अपने नवजात शिशु का नाम नरेन्द्र दामोदरदास मोदी रखने की जिद पकड़ ली। पहले तो लोगों ने उसे समझाने का प्रयास किया किंतु उसके अपने निर्णय पर अडिग रहने पर दुबई में नौकरी कर रहे उसके पति मुश्ताक अहमद से बात की गई।
 
परिजनों के अनुसार पति के समझाने के बाद भी जब वह नहीं मानी तो उसने भी अनुमति दे दी और अंतत: बच्चे का नाम 'नरेन्द्र दामोदरदास मोदी' रख दिया गया। बच्चे का यह नाम बाकायदा अभिलेखों में दर्ज हो, इसके लिए जिलाधिकारी को संबोधित एक शपथ पत्र सौंपा गया है।
 
वजीरगंज के सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) घनश्याम पांडेय ने बताया कि उन्हें शुक्रवार को एक शपथ पत्र के साथ प्रार्थना पत्र मिला है जिसमें एक नवजात शिशु का नाम 'नरेन्द्र दामोदरदास मोदी' के रूप में परिवार रजिस्टर में दर्ज कर जन्म प्रमाणपत्र जारी करने का अनुरोध किया गया है।
 
उन्होंने कहा कि प्रार्थना पत्र को जांच एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए जन्म-मृत्यु पंजीयक/सचिव ग्राम पंचायत घनश्याम शुक्ला को भेज दिया गया है। बच्चे की मां मैनाज बेगम का कहना है कि नरेन्द्र मोदी देश के अच्छे नेता हैं। उज्ज्वला योजना, जनधन खाता, इज्जत घर जैसी योजनाएं उन्हीं की बदौलत गरीबों को मिल पा रही हैं। इससे से बढ़कर उन्होंने तीन तलाक मामले पर कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को बहुत बड़ा सहारा दिया है।
 
गृहस्वामी इदरीस का कहना है कि मोदीजी के प्रति उसकी भी व्यक्तिगत आस्था है। जहां तक बच्चे के नामकरण का सवाल है, यह हमारा निजी मामला है। इसमें किसी का दखल नहीं होना चाहिए। पड़ोसी मुश्तकीम ने कहा कि यह इदरीश के परिवार का निजी मामला है। इसमें गांव वालों को कोई आपत्ति नहीं है। (भाषा)

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