मुंबई। केद्रीय मंत्री नारायण राणे ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाना बनाते हुए कहा कि वे असहाय और मजबूर हैं इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल हो रहे हैं। राणे ने बातचीत में यहां कहा कि अगर बालासाहेब ठाकरे आज जीवित होते तो वे अपनी हिन्दुत्व की विचारधारा के साथ कभी समझौता नहीं करते। लेकिन उद्धव ठाकरे असहाय हैं और इसलिए वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल हो रहे हैं।
शिवसेना ने इससे पहले कहा था कि सोनिया गांधी द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई विभिन्न विपक्षी दलों की ऑनलाइन बैठक में उद्धव ठाकरे शिरकत करेंगे। राणे ने उस घटना को तवज्जो नहीं दी जिसमें मुंबई के शिवाजी पार्क स्थित शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के स्मारक का गुरुवार को दौरा करने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने उसे गोमूत्र से धोकर एवं दूध से अभिषेक कर 'शुद्ध' किया था।
भाजपा नेता ने कहा कि मैं जिसे चाहता हूं उसके सामने झुकना मेरा नजरिया है। मैंने अन्य स्मारकों का भी दौरा किया है और केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद यह लोगों के साथ मेरी बातचीत का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि (ठाकरे के) स्मारक के चारों तरफ कीचड़ था, अगर शिवसेना के कार्यकर्ता इसे स्वच्छ करने के इतने इच्छुक हैं तो सबसे पहले उन्हें इसे अच्छी स्थिति में रखना चाहिए। लेकिन इसकी स्थिति शिवसेना के 32 साल लंबे शासन के तहत मुंबई की स्थिति से मिलती-जुलती है... यह शिवसेना से छुटकारा पाने का समय है।
राणे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मुंबई को वास्तविक रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर का शहर बनाएगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके राणे ने कहा कि अगर शिवसेना के कार्यकर्ता बदले की भावना से काम कर रहे हैं, तो उन्हें राज्य के लोगों द्वारा खारिज कर दिया जाएगा और शिवसेना कार्यकर्ताओं का रवैया दुखद है।(भाषा)