चंडीगढ़। क्रिकेट से राजनीति में आए नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने मंगलवार को साफ किया कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा से सिद्धू के इस्तीफे का अर्थ यह है कि उन्होंने भाजपा से भी इस्तीफा दे दिया है और उनके पास आम आदमी पार्टी में शामिल होने का एकमात्र विकल्प है।
पंजाब में राज्यसभा से इस्तीफा देकर भाजपा को झटका देने के एक दिन बाद उनकी पत्नी और विधायक नवजोत कौर ने कहा कि इस फैसले पर दोबारा विचार करने का सवाल ही नहीं उठता।
अमृतसर-पूर्व निर्वाचन क्षेत्र की विधायक और शिअद-भाजपा सरकार में प्रमुख संसदीय सचिव कौर ने कहा कि मुझे लगता है कि सिद्धू ने स्पष्ट तौर पर बता दिया है कि वह क्या करने जा रहे हैं और आने वाले दिनों में उन्हें अपने भविष्य की योजनाओं के साथ सामने आने दीजिए। उन्होंने कहा कि वह पंजाब की सेवा करना चाहते हैं और आम आदमी पार्टी से सेवा करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।
भाजपा में उनके पति की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर कौर ने कहा कि ऐसा समझा जाता है कि यदि उन्होंने राज्यसभा छोड़ दी है, तो उन्होंने भाजपा भी छोड़ दी है। वापस जाने का कोई सवाल नहीं है, वह कभी अपने शब्दों से वापस नहीं हटते। वह पंजाब की सेवा करना चाहते हैं और वह राज्य की सेवा करेंगे।
नवजोत सिंह सिद्धू ने नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से किए गए उनके नामांकन के तीन माह बाद ही कल राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। आम आदमी पार्टी ने संकेत दिए हैं कि वह अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी का चेहरा हो सकते हैं।
कौर ने कहा कि उन्हें अपने भविष्य की योजनाओं पर फैसला करना है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी पार्टी के लिए विधायक और सीपीएस के रूप में काम कर रही हूं। मैंने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। नवजोत के लिए विकल्प बिल्कुल साफ है। वह पंजाब की सेवा के लिए स्पष्ट हैं। इसलिए आप समझ सकते हैं कि उनके सामने क्या विकल्प है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा सिद्धू के साथ खड़ी रही हैं।
नवजोत कौर विकास समेत विभिन्न मुद्दों पर अपनी सरकार के खिलाफ मुखर रही हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धू द्वारा उनके फैसले पर पुनर्विचार का समय निकल चुका है।
उन्होंने पहले भी कहा था कि उन्होंने यह बात स्पष्ट कर दी है कि यदि भाजपा वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव अकालियों के साथ मिलकर लड़ने का फैसला करती है तो वह इसके खिलाफ हैं।
जब नवजोत कौर से पूछा गया कि क्या आप ने सिद्धू को कुछ विकल्प दिए हैं तो उन्होंने कहा कि उन्होंने उनसे बात की होगी। यह सिर्फ वही जानते हैं। उन्हें अपनी योजना संवाददाता सम्मेलन में बताने दीजिए। मैंने उनसे बात की है लेकिन कुछ चीजें उनकी ओर से ही आएंगी।
जब उनसे पूछा गया कि क्या सिद्धू का यह कदम सही है तो कौर ने कहा कि वह एक आध्यात्मिक व्यक्ति हैं और वह हर चीज अपने अंदर की आवाज को सुनकर करते हैं। यदि उनके अंदर की आवाज कह रही है कि उन्हें पंजाब की सेवा बिना किसी शर्त के और बिना कुछ मांगे करनी है, तो ऐसा होने दीजिए। उनके पास पंजाब के लिए एक बेहतर नजरिया है और जनता को फैसला करने दीजिए।
जब कौर से पूछा गया कि क्या भाजपा के साथ सिद्धू का सफर खत्म हो चुका है तो उन्होंने जवाब में कहा, 'हां'। जब उनकी अपनी योजनाओं के बारे में एकबार फिर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे देखने दीजिए कि उन्हें संवाददाता सम्मेलन में क्या कहना है और तब मुझे अपना फैसला लेने दीजिए।
उन्होंने कहा कि मैं आंख मूंदकर उनका अनुसरण करती हूं लेकिन इस समय मैं एक विधायक के तौर पर काम कर रही हूं। जब उन्हें बताया गया कि कुछ विपक्षी उन्हें अवसरवादी कह रहे हैं तो कौर ने कहा कि कोई पद मांगने का सवाल ही नहीं उठता। वह किसी शर्त या पद की इच्छा के साथ नहीं आ रहे हैं। वह बस इतना कह रहे हैं कि मैं पंजाब की सेवा करना चाहता हूं। कौर ने संकेत दिया कि भाजपा ने पंजाब में सिद्धू को नजरअंदाज किया था और उन्हें राज्य में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी थी।
उन्होंने कहा कि वह हमेशा से पंजाब की सेवा करना चाहते थे। यह उनका एकमात्र लक्ष्य रहा है। यदि उन्हें पंजाब के अलावा कहीं भी और काम का विकल्प दिया जाता है तो वह इसे नहीं चाहते। भाजपा के पास उन्हें मुख्य मोर्चे पर लाने का पर्याप्त समय था। लेकिन यदि उन्हें लगता है कि वह इसके योग्य नहीं हैं या वह पंजाब में भाजपा के लिए कुछ कर नहीं सकते हैं तो ठीक है। ऐसा ही सही।
जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा के नेताओं ने आपसे बात की है तो उन्होंने कहा कि मेरा फोन बंद था, इसलिए किसी ने मुझसे बात नहीं की है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह पिछले तीन साल से कह रही हैं कि भाजपा को अकालियों से अलग होना चाहिए लेकिन ऐसा हुआ नहीं है।
नवजोत कौर ने कहा कि सिद्धू का नजरिया एकदम स्पष्ट है और वह पंजाब की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें कोई अन्य विकल्प दिया जाता है तो वह तैयार नहीं हैं। इसलिए पार्टी बहुत स्पष्ट थी कि वह अकाली दल के साथ काम करना चाहती है और चुनाव लड़ना चाहती है। इसलिए यह पूरी तरह स्पष्ट है कि उनके लिए कोई दरवाजे नहीं खुले थे।
उनसे आम आदमी पार्टी के बारे में पूछे जाने पर कौर ने कहा कि पार्टी को लेकर मेरी सोच यह है कि पंजाब के लोग साफ-सुथरा और अच्छा शासन चाहते हैं। अंतत: पंजाब की जनता को ही यह तय करना है। शासन के मुद्दे पर उन्होंने शिअद-भाजपा सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि मेरी राय में हमने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने पंजाब में बड़ी परियोजनाएं लाने की बात करने वाले उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर तंज कसा।
कौर ने कहा कि हमने मूलभूत चीजें नजरअंदाज की हैं और हम बड़ी चीजों की बात करते रहे हैं। और इस मंच पर बड़ी चीजें भी काम नहीं कर रही हैं। लोग काम कराने के लिए यहां से वहां भटक रहे हैं। उनकी फाइलें कूड़ेदानों में पड़ी हैं और आप नए निवेशों की बात कर रहे हैं। कहां हैं वे? सुखबीर का नाम लिए बिना कौर ने पानी और जमीन दोनों पर चलने वाली बसों को लाए जाने के मुद्दे को लेकर हमला बोला।