झारखंड की उप-राजधानी दुमका की सड़कें इस कदर बदहाल हो गई हैं अब यहां के साहित्यकारों और लेखकों को इसके लिए भूख हडताल करना पड रही है।
पिछले दिनों हादसे में एक साथ 3 परिवारों के 6 चिराग बुझने जैसी घटना यहां हो चुकी है। ऐसे में एक युवा साहित्यकार नीलोत्पल मृणाल एकल भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर हुए हैं।
दरअसल युवा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत साहित्यकार, गायक और कवि नीलोत्पल मृणाल ने झारखंड की सरकार के खिलाफ यह मोर्चा खोला है।
नीलोत्पल खुद भी इन बदहाल सड़कों की तकलीफ का दंश झेल रहे हैं। ऐसी स्थिति में एकल भूख हड़ताल के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष अपनी बातें रखने का प्रयास किया है। जनता भी साथ है।
नीलोत्पल ने संताल परगना प्रमंडल और दुमका के आसपास के सभी स्टेट हाईवे, बायपास एवं अन्य ग्रामीण बायपास सड़कों की मरम्मत, सड़क दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवार वालों के लिए मुआवजे की मांग और बालू, पत्थर की अवैध ढुलाई पर रोक और ओवरलोड ट्रकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान नीलोत्पल हेमंत सोरेन के लिए प्रचारक थे। अब उन्होंने सोरेन सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोला है।