चेन्नई। तमिलनाडु के अरियालुर जिले के एक गांव में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में शामिल होने वाली एक लड़की ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। छात्रा को परीक्षा में फेल होने का डर था। 2 दिनों के भीतर राज्य में इस प्रकार की मौत का यह दूसरा मामला है। इस घटना को लेकर मुख्य विपक्षी दल अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम सरकार पर हमलावर है जबकि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने परीक्षा नहीं कराने के लिए कानूनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया।
मुख्यमंत्री ने छात्रा की मौत के कुछ घंटों बाद छात्रों और अभिभावकों को भरोसा दिलाया कि नीट को पूरी तरह से हटाने के कानूनी संघर्ष में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। विधानसभा में गत 13 सितंबर को एक विधेयक के पारित होने का जिक्र करते हुए स्टालिन ने कहा कि शुरू से ही हम नीट का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि इससे तमिलनाडु के छात्रों के मेडिकल शिक्षा हासिल करने का सपना चकनाचूर हो रहा है। विधेयक के पारित होने के साथ हमने पूरी तरह से कानूनी संघर्ष शुरू कर दिया है। विधेयक को भाजपा को छोड़कर सभी दलों द्वारा समर्थन दिया गया है।