उत्तरप्रदेश के मथुरा में वृन्दावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी की रात भगवान के प्राकट्य के बाद होने वाली मंगला आरती में इस बार भी सिर्फ एक हजार भक्तों को ही मौजूद रहने की अनुमति दी जाएगी।आगरा मण्डल की आयुक्त रितु माहेश्वरी ने जन्माष्टमी की तैयारियों के संबंध में बुलाई गई बैठक में कहा कि इस बार भी मंगला आरती के समय केवल एक हजार भक्त ही मंदिर में उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि चूंकि जन्माष्टमी के अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि वे आसानी से अपने ईष्टदेव का दर्शन भली प्रकार कर सकें और उन्हें इसमें कोई परेशानी न हो।
जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय समेत सभी संबंधित अधिकारी तथा मंदिरों के प्रबंधक इस बैठक में शामिल रहे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दो साल पहले जन्माष्टमी के ही अवसर पर बांकेबिहारी मंदिर में भगवान के प्राकट्य के बाद मंगला आरती के समय अत्यधिक भीड़ के दबाव से दो महिला श्रद्धालुओं की दम घुटने से मौत हो गई थी।
इस घटना के मद्देनजर पिछले वर्ष से ही मंगला आरती के समय मंदिर प्रांगण में केवल एक हजार भक्तों को ही उपस्थित रहने की अनुमति दी गई। इस बार भी यही व्यवस्था रहेगी।
नगर पालिका परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि जन्मोत्सव के अवसर पर मथुरा के चौराहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए पांच मुख्य मंच तथा 19 छोटे मंच बनाये जाएंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए स्थानीय एवं बाहरी लोक गायकों, सांस्कृतिक दलों को आमंत्रित किया गया है। मंदिरों पर लाइटिंग एवं साज सज्जा का कार्य मंदिर प्रबंधकों द्वारा किया जाएगा।
नगर आयुक्त शशांक चौधरी ने बताया कि बेहतर सफाई व्यवस्था के लिए 22 क्यूआरटी टीमों का गठन किया गया है, जिनमें से 14 मथुरा एवं आठ वृन्दावन में तैनात की गई हैं।
उन्होंने बताया कि वे (टीमें) श्रद्धालुओं के आने वाले मार्गों पर लगातार सफाई करते रहेंगे। कहीं भी कूड़े के ढेर नहीं लगने देंगे। इसी प्रकार भण्डारे लगाने वालों को भी गंदगी न करने शर्त पर ही अनुमति दी गई है।
मण्डलायुक्त ने मथुरा में महोत्सव पर सुरक्षा के उपाय करते समय हाथरस की घटना का ध्यान रखते हुए बनाने को कहा।
उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मभूमि के निकट सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था करने, एकल दिशा मार्ग यातायात व्यवस्था करने को निर्देश दिए। भाषा