लखनऊ। केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ 6 वामपंथी दलों के सोमवार को 'भारत बंद' और कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के जन आक्रोश दिवस के ऐलान का उत्तरप्रदेश में कोई खास असर नजर नहीं आया।
इस अवधि में दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान आमतौर पर खुले रहे। सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) कार्यकर्ताओं ने इलाहाबाद में थोड़ी देर ट्रेन रोककर और मोदी का पुतला फूंककर नोटबंदी के फैसले की मुखालफत की।
सपा कार्यकर्ताओं ने मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन की वजह से थोड़ी देर रेल यातायात बाधित हुआ। लखनऊ में बाजार आमतौर पर खुले रहे। हजरतगंज, अमीनाबाद और चौक इलाके में छिटपुट दुकानें बंद दिखीं लेकिन ज्यादातर व्यापारिक प्रतिष्ठान रोज की तरह समय पर खुले। कांग्रेस, सपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बंद से अपने को अलग रखा और विरोध में केवल आक्रोश दिवस मनाया।
कांग्रेस ने नोटबंदी के फैसले के खिलाफ लखनऊ के जीपीओ से शहीद स्मारक तक मार्च निकाला। मार्च में शामिल लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल के अनुसार नोटबंदी की वजह से जनता को हो रही दिक्कतों को देखते हुए कांग्रेस को निर्णय के विरोध में उतरना पड़ा है।
उधर भदोही से मिली सूचना के अनुसार वहां के कालीन कारखानों में काम सामान्य रूप से चल रहा है। कानपुर, गोरखपुर, अलीगढ़, फैजाबाद, वाराणसी और आगरा के थोक बाजार में बंदी बेअसर रहा। बंदी का थोक मंडियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा लेकिन कुछ स्थानों पर सपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी जरूर की।
दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया है कि नोटबंदी के फैसले को लेकर विपक्षी दलों के सोमवार को 'भारत बंद' के आह्वान को हवा में उड़ाकर जनता ने खुद जवाब दे दिया। भाजपा के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने कहा कि 'भारत बंद' को जनता ने नकार कर नोटबंदी के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है। अब विपक्षी दलों को जनता की नब्ज को समझते हुए नोटबंदी का विरोध बंद कर देना चाहिए।
गौरतलब है कि वामपंथी दलों के साथ ही तृणमूल कांग्रेस और कुछ अन्य दलों ने सोमवार को 'भारत बंद' की घोषणा की थी। (वार्ता)