अजमेर। अजमेर दरगाह दीवान ने फिल्मकार संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के चौतरफा विरोध के सुर में सुर मिलाया है। दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने कहा कि संजय लीला भंसाली का आचरण विवादित लेखक सलमान रुश्दी, तस्लीमा नसरीन और तारिक फतह की तरह धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला है, इसलिए पद्मावती फिल्म का विरोध जायज है।
एक बयान जारी कर सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशज सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने गुरुवार को संजय लीला भंसाली द्वारा निर्मित फिल्म पद्मावती के विरोध का समर्थन किया है। उन्होंने कहा भंसाली ने इतिहास को तोड़ मरोड़कर पद्मावती फिल्म से देश के राजपूत समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और पद्मावती के प्रस्तुत किए गए कथित चित्रण का विरोध जायज है और इस विरोध में देश के मुसलमानों को राजपूतों का समर्थन करना चाहिए।
दरगाह दीवान ने कहा कि इस फिल्म के कुछ दृश्यों से किसी समुदाय की भावना आहत हो रही हैं तो इस फिल्म के दृश्यों की समीक्षा की जानी चाहिए। इस फिल्म में राजपूतों के गौरवशाली इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करके छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है। ऐसे में भारत सरकार को पद्मावती फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगानी चाहिए। (वार्ता)