लखनऊ। उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट के खुलासे के बाद अब एक और सनसनीखेज बात सामने आ रही है कि यूपी में धर्म परिवर्तन के लिए पैसा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई उपलब्ध करवा रही है। उल्लेखनीय है कि यूपी में 1000 गरीबों और मूक-बधिरों के धर्मांतरण की बात सामने आई है। इस सिलसिले ने पुलिस ने 2 लोगों- जहांगीर और उमर गौतम को गिरफ्तार भी किया है।
बीते 1 साल में 350 लोगों का धर्मांतरण : यूपी एटीएस द्वारा उमर और जहांगीर से पूछताछ में और भी बातें सामने आई हैं। दोनों मौलानाओं ने कानपुर और गुडगांव के दो छात्रों का धर्म परिवर्तन करवाया था। साथ ही इन दोनों को इस्लामिक पढ़ाई के लिए दक्षिण भारत भेजा गया था। आरोप है कि गुरुग्राम में इस रैकेट का शिकार हुई एक महिला पुलिस से मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार खुद कह चुके हैं कि बीते एक साल के भीतर 350 लोगों का धर्मांतरण कराया जा चुका है।
संस्था प्रबंधक से पूछताछ : धर्म परिवर्तन मामले में अब एटीएस नोएडा डेफ सोसाइटी की प्रबंधक रूमा रोका से पूछताछ कर रही है। रूमा को लखनऊ स्थित यूपी ATS के मुख्यालय पूछताछ के लिए लाया गया। जांच के मुताबिक 2005 में स्थापित नोएडा डेफ सोसाइटी का स्कूल 8 कमरों के मकान में चल रहा रहा है। वहीं, नोएडा से ही संचालित इस्लामिक दावा सेंटर द्वारा नोएडा डेफ सोसायटी के 18 मूक-बधिर बच्चों का 2 साल के भीतर धर्मांतरण करवाया गया था। बताया जा रहा है कि रूमा से पूछताछ और भी कई खुलासे हो सकते हैं।
गरीबों पर नजर, विदेशों से फंड : जानकारी के मुताबिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सोशल फेस बनकर काम करने वाली सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया पर जब शिकंजा कसा गया तो इस्लामिक दावा सेंटर के नाम से काम करना शुरू कर दिया। माना जा रहा है कि ये तीनों संगठन मिलकर ये मूक-बधिरों और गरीब लोगों को धर्मांतरित करवा रहे थे। इसके लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई समेत अन्य इस्लामिक देशों से फंड भी जुटाया जा रहा था।