अहमदाबाद। ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे पटेल समुदाय के दो प्रमुख समूहों में मंगलवार को उस वक्त दरार खुलकर सामने आ गई जब लालजी पटेल की अगुवाई वाले सरदार पटेल समूह (एसपीजी) ने आंदोलन की अगुवाई कर रहे हार्दिक पटेल की ओर से किए गए भूख हड़ताल के फैसले से खुद को अलग कर लिया।
एसपीजी राज्य में पटेल समुदाय का सबसे बड़ा सामाजिक समूह है जिसने पहले 22 वर्षीय हार्दिक की ‘पाटीदार अनामत आंदोलन समिति’ की ओर से मंगलवार को आयोजित की गई रैली का समर्थन किया था। पटेल समुदाय की मांग है कि उसे राज्य में ओबीसी कोटे में आरक्षण दिया जाए।
हार्दिक ने मंगलवार को कहा कि यदि मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन लेने के लिए रैली स्थल पर नहीं आईं तो वे भूख हड़ताल करेंगे।
सरदार पटेल समूह के नेता लालजी पटेल ने कहा, मुख्यमंत्री के आने और उससे ज्ञापन लेने तक भूख हड़ताल पर बैठने का हार्दिक का फैसला उसका व्यक्तिगत फैसला है जिसका समर्थन अन्य लोग नहीं करते।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनका समूह सरकार से बातचीत के लिए तैयार है, इस पर पटेल ने कहा, हम इसके लिए हमेशा तैयार हैं और यदि सरकार ने हमें आमंत्रित किया तो हम जाएंगे। हार्दिक ने मंगलवार को दिन में कहा था कि पटेल समुदाय सरकार से कोई बातचीत नहीं करेगा। मंगलवार को रैली में हार्दिक ने भाषण दिया, जबकि लालजी ने बड़ी तादाद में आए लोगों को संबोधित नहीं किया।
यह पूछे जाने पर कि उन्हें रैली में बोलने क्यों नहीं दिया गया, इस पर लालजी ने कहा, कार्यक्रम की योजना हार्दिक और उसकी टीम ने बनाई थी और मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।
एसपीजी के एक अन्य नेता विनोद पटेल ने भूख हड़ताल करने के हार्दिक के फैसले को बचकाना करार दिया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री के खिलाफ उसकी टिप्पणियां अनुचित थीं।
पटेल ने कहा कि वे इस मुद्दे पर राज्य ओबीसी आयोग के समक्ष ज्ञापन देंगे जबकि रैली में हार्दिक ने कहा था कि समुदाय ने एकमत से भूख हड़ताल का फैसला किया और वे इस फैसले पर कायम रहेंगे। इस बीच, हार्दिक ने कहा कि भूख हड़ताल करने के इच्छुक लोगों का समर्थन उसे प्राप्त है।
हार्दिक ने कहा, कुछ लोग (लालजी पटेल की ओर इशारा करते हुए) जो अलग होकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि जीएमडीसी मैदान में लाखों लोगों ने हमें हमारी मांगें पूरी होने और मुख्यमंत्री के यहां आकर हमसे ज्ञापन लेने तक भूख हड़ताल पर बैठने को कहा। (भाषा)