देहरादून। उत्तराखंड के 1,800 गांवों से राजस्व पुलिस यानी पटवारी का क्षेत्राधिकार हटाते हुए नियमित पुलिस के अधीन ले आया गया है। इसमें देहरादून जिले के 4, उत्तरकाशी के 182, चमोली जिले के 262, टिहरी जिले के 157 और पौड़ी जिले के 148 गांव शामिल हैं। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है।
इस संबंध में द्वितीय चरण में 6 नए थानों एवं 20 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों का गठन प्रस्तावित है। इसका गठन होने के बाद प्रदेश के 1,444 राजस्व ग्राम नियमित पुलिस व्यवस्था के अंतर्गत अधिसूचित किए जाएंगे।
इसके साथ ही राज्य से ब्रिटिश काल की पटवारी पुलिस व्यवस्था का भी अंत हो जाएगा। सदियों से पहाड़ के कई हिस्सों में दशकों से राजस्व पुलिस की ठोस व्यवस्था चली आ रही है।
ऋषिकेश के समीप गंगा भोगपुर, जो कि राजस्व पुलिस के क्षेत्र में था, में पिछले दिनों हुई अंकिता भंडारी की हत्या की राजस्व पुलिस की जगह नियमित पुलिस को तैनात करने की जरूरत महसूस होने लगी थी। पुलिस खुद 2 दशकों से पहाड़ों में भी खाकी का राज कायम करने के लिए हाथ-पैर मार रही थी। इस हत्याकांड ने उसे यहमौका दे दिया।
Edited by: Ravindra Gupta