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शहाबुद्दीन को जमानत के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका

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नई दिल्ली , रविवार, 25 सितम्बर 2016 (12:28 IST)
नई दिल्ली। राजद के विवादास्पद नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को मिली जमानत के खिलाफ एक महिला ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। जिस मामले में शहाबुद्दीन को जमानत मिली है उसमें उसे पहले ही उम्रकैद की सजा दी जा चुकी है।
 
जमानत रद्द करने की मांग करने वाली याचिका दायर करने वाली महिला के 3 युवा बेटों को शहाबुद्दीन के एक वफादार ने बर्बरता से मौत के घाट उतार दिया था। महिला के 2 बेटों की हत्या के चश्मदीद तीसरे बेटे को बाद में कथित तौर पर शहाबुद्दीन की शह पर मारा गया था। महिला ने पटना उच्च अदालत के इस साल 2 मार्च को आए फैसले को चुनौती दी है जिसमें अदालत ने शहाबुद्दीन को अपील लंबित रहने के दौरान स्थायी जमानत दी थी।
 
सिवान की सत्र अदालत ने दोहरे हत्याकांड में शहाबुद्दीन को फिरौती के लिए अपहरण और हत्या का दोषी पाया था और उसे उम्रकैद की सजा दी थी जबकि चश्मदीद युवक की मौत के मामले में मुकदमा चल रहा है।
 
कलावती देवी ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उच्च अदालत ने इस तथ्य पर जरा भी गौर नहीं किया है कि शहाबुद्दीन एक खतरनाक अपराधी है जिसे कानून की जरा भी परवाह नहीं है। इसमें आगे कहा गया है कि हत्या, अपहरण जैसे गंभीर अपराधों के दोषी को जमानत भी दे दी गई जबकि उसके खिलाफ कई और मामलों में मुकदमे अभी चल ही रहे हैं, यह तो न्याय का उपहास करने के समान है। 
 
कलावती के पति चन्द्रकेश्वर प्रसाद की ओर से दायर एक अलग याचिका में 19 सितंबर को शीर्ष अदालत ने शहाबुद्दीन से जवाब मांगा था। इस याचिका में प्रसाद ने अपने तीसरे बेटे की हत्या के मामले में पटना उच्च अदालत की ओर से शहाबुद्दीन को दी गई जमानत को चुनौती दी थी।
 
इसके अलावा शीर्ष अदालत मारे गए पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी की ओर से दायर मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने की याचिका की सुनवाई भी कर रही है। पत्रकार को भी कथित तौर पर शहाबुद्दीन के इशारे पर ही मारा गया था। (भाषा)


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