RG Kar corruption case : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को आरजी कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने उनके कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के एक मामले में आरोप तय करने की प्रक्रिया को स्थगित करने का अनुरोध किया था। घोष उस समय आरजी कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के प्राचार्य थे, जब पिछले वर्ष 9 अगस्त को एक संगोष्ठी कक्ष में एक चिकित्सक के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया था।
घोष ने अलीपुर स्थित विशेष सीबीआई अदालत को इस मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया स्थगित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया। उनकी याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने कहा कि विशेष अदालत द्वारा पारित आदेशों में उच्च न्यायालय हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का प्रतिनिधित्व करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अशोक कुमार चक्रवर्ती ने घोष की याचिका का विरोध किया। एएसजी ने दलील दी कि भ्रष्टाचार मामले में पांच आरोपियों में से तीन ने निचली अदालत में आरोप मुक्त किए जाने के अनुरोध को लेकर आवेदन दायर किया है। उन्होंने कहा कि घोष ने निचली अदालत में ऐसा कोई आवेदन दायर नहीं किया है।
सीबीआई, जिसे कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा मामले की जांच सौंपी गई थी, ने पिछले सप्ताह विशेष अदालत के समक्ष इससे संबंधित सभी दस्तावेज पेश किए। मंगलवार को कार्यवाही के दौरान विशेष अदालत के न्यायाधीश ने कहा था कि मामले में आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए सुनवाई बुधवार को शुरू होगी।
निचली अदालत ने आरोप तय करने को लेकर सुनवाई बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दी। उच्च न्यायालय ने 28 जनवरी को विशेष अदालत को निर्देश दिया था कि वह उसके समक्ष सुनवाई की अगली तारीख से एक सप्ताह के भीतर आरोप तय करने के लिए सभी प्रयास करे।
उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत को गवाहों की सूची को ध्यान में रखने और उसके अनुसार तिथि तय करने का निर्देश दिया था, ताकि मामले की सुनवाई में तेजी लाई जा सके और उसे जल्द से जल्द इसे तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जा सके।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour