नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के रामपुर में दुष्कर्म की एक पीड़िता के साथ एक पुलिस अधिकारी द्वारा यौन संबंध बनाने की मांग संबंधी मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से चार हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है।
आयोग ने गुरुवार को यहां बताया कि रिपोर्टों के अनुसार यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रहे गंज थाने के जांच अधिकारी ने पीड़िता से कहा कि वह पहले उससे यौन संबंध बनाए तभी वह आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। महिला के ऐसा करने से इंकार करने पर पुलिस अधिकारी ने कथित तौर पर मामले को बंद कर दिया।
आयोग ने मीडिया की इस रिपोर्ट को स्तब्धकारी बताते हुए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी करके चार हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा है।
आयोग ने घटना पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह 'रक्षक के भक्षक' बनने का जीता-जागता उदाहरण है। यदि वाकई ऐसा हुआ है तो इससे कानून व्यवस्था लागू करने वाली एजेंसियों में व्याप्त बुराइयों का साफ पता लगता है। इससे यह भी जाहिर होता है कि न्याय पाने के जनता के अधिकारों के प्रति उनमें सम्मान की कमी है।
रिपोर्ट के अनुसार 37 वर्षीया इस महिला के साथ वर्ष की शुरुआत में दो व्यक्तियों ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया। पीड़िता की याचिका पर अदालत के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने यह मामला दर्ज किया था। (वार्ता)