मोदी की मां पर गरमाई बिहार की सियासत, क्या बोले तेजस्वी यादव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर विवादित बयान पर बिहार की सियासत गरमा गई है। भाजपा महिला मोर्चा के बिहार बंद ने बीच तेजस्वी यादव ने भाजपा पर किया पलटवार।
Bihar Politics : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के अपमान पर बिहार की सियासत गरमाई हु्ई है। भाजपा महिला मोर्चा ने आज इस मामले में बिहार बंद का आह्वान किया तो राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी इसका जवाब देने में देर नहीं की। उन्होंने 10 बातों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी और भाजपा पर पलटवार किया।
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तेजस्वी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, मां तो मां होती है। मां शब्द जुबान पर आते ही कितना सुकून मिलता है। जो बेजुबान है मां तो उनकी भी होती है। किसी को भी किसी की भी मां-बहन-बेटी के प्रति अपशब्द नहीं बोलना चाहिए। इस दुनिया में मौजूद हर इंसान, जीव-जंतु, पशु-पक्षी सभी मां की ही पैदाइश है।
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी महिलाओं और लड़कियों से ब्लात्कार करने वाले प्रज्वल रेवन्ना का प्रचार कर उसे जिताने की अपील करें तो वह मोदी जी का मास्टर स्ट्रोक।
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मोदी जी किसी की मां को 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड बोले तो वाह मोदी जी वाह!
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मोदी जी देश के लिए शहादत दे चुके साहसी प्रधानमंत्री की पत्नी और नेता प्रतिपक्ष की माँ को विधवा और जर्सी गाय बोले तो बेशर्म लोग कहेंगे कि मोदी जी ने शानदार भाषण दिया है।
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मोदी जी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पैदाइश पर यह कहते हुए सवाल उठाये कि इनका DNA ही ख़राब है अर्थात् इनका खून ही ख़राब और ग़लत है तो वह सही है? जेडीयू के लोग बताए जो नख और बाल काट PMO को भेजे थे उनकी रिपोर्ट आ गई है क्या?
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मोदी जी के सचेतक ने अभी कुछ दिन पहले बिहार विधानसभा में मेरी माँ को गाली दी तो मोदी जी ने उसकी पीठ थपथपाई। फिर वो कहे कि मोदी महान!
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एक बीजेपी नेता ने हमारी प्रवक्ता को साड़ी-साया खोल सरेआम सड़क पर ब्लात्कार की धमकी दें तो मोदी जी उसे सम्मानित करते हुए अपने जहाज़ तक बुलाते है।
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इनके प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल कल टेसू बहा रहे थे वही आदमी कुछ दिन पहले कह रहे थे कि उनसे बड़ा गालीबाज़ कोई नहीं है और वह गालियों की चलती फिरती दुकान है।
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मणिपुर में भाजपाइयों द्वारा महिलाओं को निवस्त्र घुमाया गया क्या वो किसी की मां नहीं थी?
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बिहारियों को गुजरात में गाली दी जाती है तो प्रधानमंत्री चुप रहते है। बेरोजगारों और युवाओं को गाली के साथ लाठी से पीटा जाता है तो इनके टेसू नहीं निकलते है।
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किसान आंदोलन में हज़ारों किसान मारे गए। किसान और नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं, लॉकडाउन में मजदूर पैदल चले, लाखों लोग मारे गए तब नहीं रोए। पुलवामा-पहलगाम और गलवान घाटी में हमारे सैनिक मारे गए जब इनके टेसू नहीं निकले।
उन्होंने कहा कि ये दोहरे चरित्र के लोग हैं। ये लोग वोट चोरी से ध्यान हटाने के लिए प्रपंच रच रहे है। मां तो मां होती है।
edited by : Nrapendra Gupta