चुनाव रणनीतिकार से कार्यकर्ता बने प्रशांत किशोर जन सुराज को एक पूर्ण राजनीतिक दल बनाने की ओर अग्रसर हैं और सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद के परिवार को परोक्ष रूप से निशाना बनाने वाले एक पोस्टर को लेकर बिहार में इंडिया गठबंधन के निशाने पर हैं।
जन सुराज के प्रवक्ता संजय ठाकुर ने पूरे प्रकरण पर सफाई देते हुए कहा, लाखों लोग जन सुराज से जुड़े हैं। अपर्णा यादव उनमें से एक हैं। लेकिन उनके विचारों को जन सुराज के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। हम राजनीतिक लड़ाई लड़ने के लिए आए हैं, व्यक्तिगत हमले करने के लिए नहीं।
राजद सुप्रीमों के खिलाफ लगाया गया उक्त पोस्टर जन सुराज कार्यकर्ता अपर्णा यादव द्वारा लगाया गया है, जिनके बारे में बिहार के राजनीतिक हलकों में ज्यादा जानकारी नहीं है। ये पोस्टर शहर में कई स्थानों पर चस्पा किए गए। राजद का कार्यालय वीरचंद पटेल मार्ग पर स्थित है और वहां भी ये विवादित पोस्टर देखे गए।
हालांकि पोस्टर में किसी का नाम नहीं लिया गया है, लेकिन नारा जो बहू का नहीं हुआ वो बिहार का क्या होगा को प्रसाद पर स्पष्ट रूप से कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है। राजद प्रमुख के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव शादी के कुछ महीने बाद ही पत्नी ऐश्वर्या से अलग हो गए।
राजद और कांग्रेस जैसे उसके सहयोगियों ने अनुमानतः आक्रोश के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने प्रशांत किशोर को एक राजनीतिक बहुरूपिया करार दिया। उन्होंने कहा कि वह अब धूल चाटने के लिए बाध्य हैं।
कांग्रेस नेता शिशिर कौंडिल्य ने कहा, अगर किशोर राजनीतिक करियर बनाने के प्रति गंभीर हैं तो उन्हें सार्वजनिक जीवन में मर्यादा सीखनी चाहिए।
प्रशांत किशोर ने नरेन्द्र मोदी, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी जैसे कई नेताओं के लिए बतौर पेशेवर काम किया है। उन्होंने 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक परामर्श देने का कार्य छोड़ दिया था।
बिहार के बक्सर जिला निवासी 47 वर्षीय किशोर ने अपने जन सुराज के तहत पूरे राज्य का दौरा कर रहे हैं। इसका उद्देश्य एक ऐसा राजनीतिक मंच बनाना है जो राज्य को पिछड़ेपन की चपेट से बाहर निकाल सके।
किशोर की योजना जन सुराज अभियान को आगामी दो अक्टूबर को पटना शहर के पशु चिकित्सा महाविद्यालय मैदान में आयोजित कार्यक्रम में राजनीतिक दल का स्वरूप देने की है। संयोगवश इसी मैदान में 6 साल पहले तेज प्रताप यादव का विवाह समारोह भी आयोजित किया गया था। (भाषा)