Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

शाही अंदाज में निकली श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा की पेशवाई

हमें फॉलो करें शाही अंदाज में निकली श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा की पेशवाई
, शुक्रवार, 4 जनवरी 2019 (23:14 IST)
प्रयागराज। आगामी 15 जनवरी से कुंभ नगरी में लगने जा रहे दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम के लिए अखाड़ों की पेशवाई में शुक्रवार को श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा की पेशवाई निकाली गई।
 
 
शैव संन्यासी संप्रदाय के श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा की पेशवाई बाघम्बरी गद्दी के निकट स्थित आनंद अखाड़ा के आश्रम से शुरू हुई जिसमें चांदी के हौदों पर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और अन्य साधु-संत सवार थे। अखाड़े के आराध्य देव भुवन भास्कर भगवान सूर्यनारायण के संरक्षण में पारंपरिक ढंग से हाथी-घोड़े और गाजे-बाजे के साथ पेशवाई छावनी पहुंची।
 
पेशवाई का नेतृत्व अखाड़ा के आचार्य पीठाधीश्वर बालकानंद गिरि कर रहे थे। पेशवाई में सबसे आगे हाथी पर सवार साधु-महात्मा विराजमान थे और उनके पीछे अखाड़े की धर्मध्वजा लहरा रही थी। ध्वजा के पीछे घोड़े पर सवार नागा साधुओं का समूह चल रहा था। इस समूह के पीछे पालकी में आराध्य भगवान सूर्यनारायण विराजमान थे।
 
इनके पीछे चांदी के हौदे पर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर श्री ज्ञानानंदजी महाराज, श्रीमहंत शंकरानंद सरस्वती, महंत गणेशानंदजी महराज, महंत जगदीश गिरि, महंत कैलाश पुरी, महंत लक्ष्मण भारती, महंत विजेन्द्रानंद गिरि, महंत गिरिजानंद सरस्वती, महंत रवीन्द्र पुरी समेत साधु-महात्मा और नागा संन्यासी चल रहे थे।
 
इस शोभायात्रा की भव्यता और साधु-संतों का दर्शन करने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। पेशवाई को देखने के लिए सड़क के दोनों ओर श्रद्धालुओं का हुजूम खड़ा था। लोग पेशवाई पर फूल वर्षा कर साधु-संतों का स्वागत कर रहे थे।

पेशवाई एक धार्मिक शोभायात्रा है जिसमें अखाड़ों के आचार्य, पीठाधीश्वर, महामंडलेश्वर, साधु-संत और नागा संन्यासियों का कारवां हाथी, घोड़े और ऊंट पर सवार होकर गंगा के किनारे बनी छावनी में पहुंचता है और पूरे मेले के दौरान वहां प्रवास करता है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अब ट्रेनों में लिखा जाएगा, 'कोई टिप नहीं दें, अगर बिल नहीं मिला तो खाना मुफ्त'