मेरठ। यदि किसी को लेकर अपराध की दुनिया में कदम रखना है तो वह मात्र 1000 से लेकर 5000 रुपए तक कंट्री मेड तमंचा और पिस्टल खरीद सकता है। जी हां, एक जान की कीमत मात्र 1000 रुपए है। मेरठ में बड़ी तादाद में अवैध हथियार बनाने का गोरखधंधा चल रहा है। यहां के बने तमंचे व पिस्टल उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्य में सप्लाई होते है। ऐसे अवैध शस्त्र तस्करों की कमर तोड़ने के लिए मेरठ पुलिस ने कमर कस ली है।
मेरठ पुलिस को 24 घंटे में मिली बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने 140 अवैध शस्त्र बनाने वाले हैं अपराधियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा है। साथ ही साथ इनके पास से 239 अवैध शस्त्र बरामद भी किए है। इतना ही नहीं, पुलिस ने दो थाना क्षेत्रों में अवैध हथियार बनाने वाली फैक्ट्री का भी भंड़ाफोड़ किया है। अवैध असलाह बनाने वालों की धरपकड़ के लिए एसएसपी ने 10 टीमें लगाई थी, जिन्होंने 24 घंटे के अंदर इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
मेरठ पुलिस कप्तान अजय साहनी ने 10 टीमों का गठन किया था, जिन्होंने मेरठ शहर के विभिन्न इलाकों में उन हथियार तस्करों बनाने वालों के खिलाफ अभियान चलाया है जो मेरठ जिले में हथियार बना रहे थे या सप्लाई कर रहे थे। सभी 10 टीमों ने मिलकर 140 लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से 239 अवैध शस्त्र तमंचे और पिस्टल आदि शामिल थे।
पुलिस ने इस दौरान दो हथियार बनाने की फैक्ट्रियों का भी भंडाफोड़ किया है, जो मेरठ शहर के थाना ब्रह्मपुरी और किला परीक्षितगढ़ के जंगलों में चल रही थी। मौत का समान बनाने वाले आर्थिक रूप से बेहद सशक्त है। इनके पास से पुलिस ने 4 लग्जरी गाड़ियां भी बरामद की गई है।
मेरठ बड़े पैमाने पर मौत का सामान तैयार कर रहा है। पंचायत चुनाव नजदीक है, ऐसे में अवैध शस्त्रों की मांग बढ़ जाती है। इससे पहले भी कई बड़े ऑपरेशन पुलिस ने चलाकर ऐसे तस्करों को जेल भेजा, लेकिन कुछ समय जेल में काट कर वह फिर से बाहर आ जाते हैं और पुलिस को नाक चिढ़ाते हुए इस गोरखधंधे में दोबारा लग जाते हैं।