चेन्नई। प्रोडक्शन हाउस 'लिका' ने रविवार को श्रीलंका में अभिनेता रजनीकांत से जुड़े एक प्रस्तावित धर्मार्थ कार्यक्रम को लेकर नकारात्मक माहौल पर दुख जताया और यहां कुछ संगठनों के इस दावे को ठुकराया कि उसके राजपक्षे परिवार से संबंध हैं।
लिका के 'ज्ञानम फाउंडेशन' ने कहा कि हम कुछ तत्वों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए एक धर्मार्थ सहायता कार्यक्रम से जुड़े नकारात्मक माहौल के घटनाक्रम से दुखी हैं। हम नहीं चाहते कि सुपरस्टार (रजनीकांत) असहज और शर्मिंदगीपूर्ण स्थिति में पड़ें। 'लिका' के निर्माण वाली फिल्म '2.0' की शूटिंग कर रहे अभिनेता को 9 अप्रैल को उत्तरी श्रीलंका के वावुनिया में एक कार्यक्रम में फाउंडेशन द्वारा निर्मित 150 विस्थापित तमिलों को घर सौंपना था।
हालांकि तमिल समर्थित संगठनों के विरोध के बाद उन्होंने शनिवार को अपना दौरा रद्द कर दिया था। फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि हम आपको खेद के साथ सूचना देना चाहते हैं कि जफना में 9 अप्रैल का प्रस्तावित कार्यक्रम और रजनीकांत का दौरा रद्द हो गया है। इसमें कहा गया कि हालांकि लिका ज्ञानम गांव का 10 अप्रैल 2017 को योजनानुसार ही आधिकारिक रूप से उद्घाटन होगा और लाभार्थियों को घर सौंपे जाएंगे।
यह भी दोहराया जाता है कि उसके श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे से कोई कारोबारी संबंध नहीं हैं। राजपक्षे की वर्ष 2009 में विद्रोही लिट्टे पर सैन्य हमले के दौरान नागरिकों की मौत को लेकर तमिलनाडु द्वारा आलोचना की जाती है।
इसमें कहा गया कि यह सुपरिचित तथ्य है कि हमारे कारोबारी प्रतिद्वंद्वियों द्वारा यह कहते हुए कई बेबुनियाद अफवाहें फैलाई गई हैं कि हमारे अतीत में राजपक्षे सरकार से कारोबारी संबंध रहे हैं। आज तक हमारे निरंतर कदमों से साबित होता है कि ऐसी खबरें असत्य एवं बेबुनियाद हैं। इसमें दावा किया गया कि कुछ कारोबारी प्रतिद्वंद्वी अब भी ऐसे आरोप निरंतर लगा रहे हैं।
फाउंडेशन ने तमिलनाडु के उन कुछ नेताओं पर आपत्ति जताई जिन्होंने बार-बार ऐसे लोगों के समर्थन में बोला, जो ऐसी अफवाहें फैलाकर मामूली फायदे उठाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि रजनीकांत के दौरे का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों में शामिल 'विदुतालई चिरुथाइगल काची' (वीसीके) ने लिका के आरोपों से इंकार किया।
वीसीके के संस्थापक थोल तिरुमलावन ने कहा कि हमारी मंशा रजनीकांत या लिका का विरोध करना या लोकप्रियता बटोरने की नहीं है। अगर 'लिका' ऐसा सोचता है तो यह उनकी सिर्फ कल्पना है। इस मुद्दे को सही संदर्भ में समझने में अपनी परिपक्वता दिखाने के लिए रजनीकांत की प्रशंसा करते हुए उन्होंने पूछा कि इससे किसी को कौन सा राजनीतिक लाभ मिलने वाला है। (वार्ता)