कॉमेडियन से नेता और फिर पंजाब के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल रहे भगवंत मान फिर सुर्खियों में हैं। बताया जा रहा है कि जर्मनी में शराब के नशे में होने के कारण उन्हें विमान से नीचे उतार दिया गया है। विमान के यात्रियों का तो यहां तक कहना है कि नशे में होने के कारण उनके कदम लड़खड़ा रहे थे। पत्नी और सुरक्षाकर्मी उनके लड़खड़ाते कदमों को संभाल रहे थे।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने कहा कि मान दुनियाभर में पंजाबियों की बदनामी करवा रहे हैं। यह पहला मौका नहीं है, जब भगवंत मान ज्यादा शराब पीने की वजह से विवादों में आए हों। इससे पहले भी वे शराब के नशे में पंजाब में कैंपेन करते दिखाई दिए थे। एक बार वे शोकसभा में नशे में पहुंच गए थे। फरीदकोट में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए 2 सिखों की शोकसभा रखी गई थी जिसमें भगवंत मान भी पहुंचे। इस दौरान ग्रंथी ने मान को नशे में धुत पाया। ग्रंथी ने उन्हें बाहर जाने को कह दिया था।
हालांकि मान ने इस घटना से इंकार किया था। ऐसी ही घटना संसद में हुई, जब उन पर आरोप लगे कि एक बिल पर चर्चा के दौरान मान शराब के नशे में थे। बीजेपी सांसद ने जांचने के लिए उन्हें सूंघा था। उनकी पार्टी आप मान का बचाव कर रही है।
कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा ने कहा कि अगर यह खबर सही है तो अरविंद केजरीवाल को बताना चाहिए कि राजनीति में पियक्कड़ों को बढ़ावा देने से उन्हें क्या फर्क पड़ रहा है? क्या यही भारत में बदलाव की उनकी राजनीति है? किसी भी मुख्यमंत्री ने राजनीति में नैतिकता की मर्यादा ऐसे कभी नहीं गिराई, जैसे भगवंत मान बार-बार कर रहे हैं। मान के पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सोशल मीडिया पर कई मीम्स और मैसेज वायरल हुए थे।
2019 में बरनाला की रैली में आपने जनवरी 2019 से शराब न पीने की सौगंध खाई थी। इस सवाल पर भगवंत मान ने कहा कि कोई भी आदमी 16 कला संपूर्ण तो है नहीं। मुझे इनकी एनओसी की जरूरत नहीं है। हालांकि आरोपों की सचाई को लेकर कुछ नहीं कहा जाता, लेकिन देश का हर नागरिक नेताओं से यही उम्मीद रखता है कि वह दुनिया में भारत के 'मान' को न घटाएं।