Punjab governments request to Supreme Court: पंजाब सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपनी उस अंतरिम याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया जिसमें उसने ग्रामीण विकास निधि (RDF) के मद में दावा किए गए बकाये के रूप में केंद्र से 1000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि तत्काल जारी करने का अनुरोध किया है।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह की दलीलों पर गौर किया कि आगामी फसल कटाई मौसम और राज्य में मंडियों की खराब स्थिति को ध्यान में रखते हुए याचिका पर सुनवाई किए जाने की जरूरत है।
विधि अधिकारी ने कहा कि फसल कटाई का मौसम शुरू हो रहा है और पंजाब में 'मंडियों' का बुनियादी ढांचा खस्ताहाल स्थिति में है, जहां कृषि उपज को बेचा जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की याचिका वाद सूची में थी, लेकिन इस पर सुनवाई होने की संभावना नहीं है, क्योंकि पीठ एक अन्य आंशिक रूप से सुने गए मामले की सुनवाई कर रही है। उन्होंने सीजेआई से इसे भविष्य की तारीखों में प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
क्या कहा सीजेआई ने : सीजेआई ने महाधिवक्ता से कहा कि कि अन्य मामलों की सुनवाई के बाद हम इसे उच्च प्राथमिकता पर रखेंगे। 18 सितंबर को पीठ ने कहा था कि वह पंजाब सरकार की अंतरिम याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगी। शीर्ष अदालत ने 30 अगस्त को भी भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार को आश्वासन दिया था कि याचिका पर दो सितंबर को सुनवाई की जाएगी।
राज्य सरकार ने केंद्र के खिलाफ लंबित वाद में एक अंतरिम आवेदन दायर किया है और अंतरिम उपाय के तौर पर 1000 करोड़ रुपए से अधिक तत्काल जारी किए जाने का अनुरोध किया है। पंजाब सरकार ने ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) जारी न करने और केंद्र द्वारा बाजार शुल्क का एक हिस्सा रोके रखने का आरोप लगाते हुए 2023 में शीर्ष अदालत का रुख किया था। उसने दावा किया था कि केंद्र पर पंजाब का 4200 करोड़ रुपए से अधिक बकाया है। याचिका में कहा गया है कि आरडीएफ और बाजार शुल्क खरीद प्रक्रिया के प्रभावी कामकाज को सक्षम बनाता है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala