वड़ोदरा। पारूल विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ जर्नलिज्म एंड मॉस कम्युनिकेशन की ओर से विगत दिनों चेंजेस इन बांग्लादेशी मीडिया एंड इम्पेक्ट ऑफ पैंडेमिक विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार के मुख्य अतिथि, बांग्लादेश के पूर्व चीफ इनफॉर्मेशन कमिश्नर प्रो. डॉ. मोहम्मद गोलम रहमान ने फेकल्टी सदस्यों, विद्यार्थियों एवं प्रतिभागियों को संबोधित किया।
प्रो. गोलम रहमान ने बांग्लादेश में आजादी से पहले एंव आजादी के बाद के मीडिया में आए आमूलचूल परिवर्तनों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बांग्लादेश में आरंभ से लेकर अब तक पत्रकारिता के विचार को समाचार पत्रों, टीवी चैनल्स एंव रेडियो चैनल्स की संख्या के संदर्भ में विस्तार से समझाया। इसके साथ ही बांग्लादेश में निजी टीवी चैनलों की भी चर्चा की।
उन्होंने उन्होंने पत्रकारिता में गुणवता, पत्रकारिता में लेखनी की स्वतंत्रता एवं पत्रकारिता में नैतिकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण परंपरागत पत्रकारिता एवं मैन स्ट्रीम पत्रकारिता पर खासा प्रभाव पड़ा है। टेलीविजय पर दर्शकों की संख्या कम हुई है तो अखबारों का सर्कुलेशन कम हुआ है। वहीं, डिजिटल मीडिया ने अपना प्रभुत्व भी जमाया है, इससे नकारा नहीं जा सकता है।
प्रो. रहमान ने विभिन्न संस्थानों की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि वर्तमान में अब पत्रकारिता के मायने बदल गए हैं एवं बदलाव की हवा से पाठक पर भी खासा प्रभाव पड़ा है। वेबिनार के आरंभ में विवि के डीन, फेकल्टी ऑफ आर्टस, प्रिंसिपल पारूल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्टस एवं प्रोफेसर जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेषन, प्रो. डॉ. रमेश कुमार रावत ने प्रो. डॉ. गोलम रहमान का स्वागत उद्बोधन के माध्यम से स्वागत किया एवं अंत में आभार जताया। वेबिनार में देश के विभिन्न प्रदेशों से सैकड़ों विद्यार्थियों, शिक्षकों, शोधार्थियों एवं पत्रकारों ने भाग लिया।