Jammu and Kashmir News : जम्मू और कश्मीर के लाजिस्टिक्स और परिवहन बुनियादी ढांचे के लिए एक ऐतिहासिक विकास में आटोमोबाइल ले जाने वाले पहले रेक को आज रेलवे के नव संचालित अनंतनाग गुड्स शेड में सफलतापूर्वक उतार दिया गया। माल ढुलाई संपर्क को बढ़ावा देते हुए उत्तर रेलवे ने शुक्रवार को कश्मीर घाटी के लिए अपनी पहली आटोमोबाइल रेक भेजी, जिसमें हरियाणा के मानेसर से अनंतनाग जिले तक 116 मारुति सुजुकी वाहन भेजे गए। इस नई सेवा को कश्मीर को देश के आटोमोबाइल और माल ढुलाई नेटवर्क से और भी नज़दीकी से जोड़ने और वाहनों के परिवहन के लिए एक तेज और सुरक्षित माध्यम प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, यह विशेष रेक मारुति सुजुकी के मानेसर स्थित गति शक्ति टर्मिनल से रवाना हुई और लगभग 45 घंटे में लगभग 850 किमी की दूरी तय करके नए चालू अनंतनाग माल शेड पहुंची। इस पहली खेप में ब्रेजा, डिजायर, वैगनआर और एस-प्रेसो जैसी कारें शामिल थीं। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि यह सेवा श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर भीड़भाड़ कम करने और यह सुनिश्चित करने में मदद करेगी कि वाहन घाटी में अपनी मूल स्थिति में पहुंचें।
उन्होंने बताया कि यह विकास, घाटी में नई कारों के आगमन के तरीके में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है। अब तक कश्मीर में कार डीलर कई ड्राइवरों को नियुक्त करते थे जो जम्मू से नई ब्रांडेड गाड़ियां सड़क मार्ग से लाते थे।
इस प्रथा का मतलब था कि ग्राहकों तक पहुंचने से पहले वाहनों को सैकड़ों किमी तक चलाया जाता था, जिससे खरीदार अपनी नई खरीदी गई कार को सबसे पहले चलाने के विशेषाधिकार से वंचित रह जाते थे। नई रेल सेवा इस प्रथा को समाप्त कर देती है, यह सुनिश्चित करती है कि अब कारें ड्राइवरों द्वारा बिना छुए और अपनी मूल फैक्टरी स्थिति में पहुंचें।
एक कार डीलर ने बताया कि यह न केवल सुविधा के बारे में है, बल्कि ग्राहक संतुष्टि के बारे में भी है। जब कोई कार निर्माता से रेल द्वारा पहुंचाई जाती है, तो खरीदार आश्वस्त हो सकता है कि उसे जम्मू से श्रीनगर तक पहले किसी और ने नहीं चलाया है। यह ग्राहकों और डीलरों, दोनों के लिए फायदेमंद है।
जानकारी के लिए अनंतनाग माल गोदाम, जिसने 9 अगस्त को पंजाब के रूपनगर से सीमेंट की पहली खेप प्राप्त की, हाल के हफ्तों में काफी सक्रिय रहा है। मालगाड़ियों ने पहले ही सीमेंट, सेना के शीतकालीन स्टाक, फलों की खेप और अन्य सामान कश्मीर में पहुंचा दिया है, जिससे आपूर्ति लाइनें मजबूत हुई हैं जो पहले केवल सड़क परिवहन पर निर्भर थीं।
Edited By : Chetan Gour